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हरियाणा में 447 अतिरक्त डाक्टरों को नियुक्त किया: मुख्यमंत्री मनोहर लाल

पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राज्य में 447 अतिरक्त डाक्टरों को नियुक्त किया गया है ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की कोई बाधा न आए। इसके अलावा, 10 अन्य अस्पतालों को स्पेशल कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। टेस्टिंग का कार्य दो सरकारी और 6 निजी टैस्टिंग लैब में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए अनेकों प्रयत्न किये हैं। हमने कोरोना को गंभीरता से लेते हुए इस पर काम करना शुरू किया और पंचकूला में हैल्पलाईन शुरू की। इस समय प्रदेश में इस महामारी से लडऩे के लिए 4 प्रकार की हैल्पलाईन कार्य कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 मार्च से च्युइंगम, पान, गुटखा, खैनी व पान मसाला पर भी प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि थूक और स्लाइवा से कोविड के फैलने की संभावना रहती है। इसी प्रकार, शराब की दुकानें भी बंद कर दी गई हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे और लोगों में बुरी आदतें हट जाएं।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह सभी का सामूहिक दायित्व है और इसमें सभी पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समाज की सेवा के लिए एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने ने आज जनता के नाम अपने सम्बोधन में कहा कि गत रात्रि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर सभी हरियाणा वासियों ने एक साथ मिलकर रात्रि 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों की लाईटें बंद करके दीपक, मोमबत्ती जलाकर महाशक्ति का आह्वïन किया, इसके लिए सभी प्रदेशवासी बधाई के पात्र हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी का 41वें स्थापना दिवस के अवसर पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और जनता को बधाई व शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए सभी जिलों में जिला प्रशासन की सहायता के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की है।  जनता, समाजसेवी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों ने मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत लगभग 6.50 लाख परिवारों को 15 मार्च से 31 मार्च, 2020 तक 4000 रुपये प्रति परिवार की सहायता प्रदान की है।भवन निर्माण में लगे श्रमिकों के 3.50 लाख परिवारों, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत ना आने वाले 6.50 लाख BPL परिवारों, 1.50 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सहित कुल 18 लाख परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इन सभी को 1000 रुपये प्रति सप्ताह की सहायता प्रदान की जा रही है। अभी तक 360 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इन हालातों के मद्देनजर 1200 करोड़ से 1500 करोड़ रुपये मासिक खर्च की संभावना बनती है, जो हम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना के अंतर्गत मिलने वाले तीन महीनों के राशन को दोगुणा कर दिया गया है और अप्रैल का राशन दे दिया गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च की राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी और अब तक हरियाणा में यह लॉकडाउन सफल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू कर 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि हमने भी प्रदेश में हरियाणा कोरोना रिलिफ फंड की स्थापना की है, जिसमें 10 हजार लोगों ने अब तक 40 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कर्मियों ने 68 करोड़ रुपये की राशि का योगदान देने का आश्वासन दिया है। लोगों को आइसोलेशन के दौरान करियाने और सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए दुकानदारों को वेबसाइट के माध्यम से पंजीकृत किया है।

सप्लाई चैन को सुचारू रूप से चलाने के लिए 70 हजार स्वयंसेवकों ने अपने आपको पंजीकृत करवाया है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग की चुनौती के बीच हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों के हरियाणा की सीमा पर एकत्रित होने से उत्पन्न हुई विकट स्थिति से निपटने के लिए 28,29 और 30 मार्च, 2020 को इन लोगों को उनके गंतव्य स्थलों तक पहुंचाया गया ताकि प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग को लम्बे समय तक कायम रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि उसके बाद से हरियाणा की सभी अंतरराज्यीय व अंतर जिला सीमाएं सील कर दी गई हैं ताकि कोई व्यक्ति न तो प्रदेश से बाहर जा सके और न ही प्रदेश में आ सके। इसी प्रकार की व्यवस्था जिलों में भी की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 816 पंजीकृत व हजारों अंपजीकृत संस्थाओं के सहयोग से जरूरतमंद लोगों को घरों के अंदर पैकेड राशन भेजने की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत अब तक लाखों पैकेड राशन भेजा जा चुका है और इन संस्थाओं में सरकार की सहायता के लिए अपने भवन भी उपलब्ध करवा रखे हैं। इसी प्रकार, सरकारी अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिए लॉकडाउन अवधि को जीरो पीरियड माना जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहली से आठवीं कक्षा की जो परीक्षाएं नहीं ली जा सकी हैं, उन सभी विद्यार्थियों को पास करते हुए नए शैक्षणिक सत्र में अगली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। इसी प्रकार, नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों की जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, उस का परिणाम एक हफ्ते के भीतर आने वाला है और उसी के आधार पर उन्हें दसवीं कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। दसवीं की साइंस की परीक्षा नहीं हुई थी इसलिए शेष विषयों के अंकों के आधार पर विद्यार्थियों को 11वीं कक्षा में दाखिला दिया जाएगा और उचित समय पर विज्ञान विषय की परीक्षा ले ली जाएगी। इसी प्रकार, 11वीं के विद्यार्थियों को 12वीं में दाखिला दे दिया जाएगा और उनकी गणित की परीक्षा बाद में ली जाएगी। कालेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए आनलाइन शिक्षा हेतु आनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरु किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में लोगों में डर और निराशा का माहौल है। इस डर और निराशा को दूर करने के लिए वे स्वयं रोजाना 5 बजे अलग-अलग वर्गो से बात कर रहे हैं ताकि उन में उत्साह भरा जा सके और वे नए उत्साह और संकल्प के साथ परिस्थितियों का मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि जहां तक चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का संबंध है, इसके सुचारु संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संकट प्रबंधन कमेटी का गठन किया गया है और स्वास्थ्य विभाग के एसीएस को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये सब मिलकर चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अस्पतालों की व्यवस्था को ठीक करने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ को सेवा में विस्तार दिया गया है। डाक्टरों के लिए 50 लाख रुपये की एक्स-ग्रेशिया राशि घोषित की गई है। इसी प्रकार, ऐसे व्यक्ति जो केंद्र योजना या बीमा में कवर नहीं होते, उनके लिए भी 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये की एक्स-ग्रेशिया राशि घोषित की गई है। कोविड-19 से निपटने के लिए निजी अस्पताल भी अपना पूरा सहयोग दे रहें हैं और इन अस्पतालों में 25 प्रतिशत बेड कोविड पीडि़तों के लिए रखे गए हंै।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त मेडिकल कालेजों में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। चौदह ब्लाकों में 7344 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इसी प्रकार, 3696 कमरे व डोरमैट्रीस में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। राज्य में 13396 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और 26 हजार लोगों के क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। डाक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 16190 PPE किट्स, 49000 N-95 मास्क और 41000 सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाए हैं। ऐसे सामान की कोई कमी नहीं है और नए आर्डर भी दे दिए गए हैं। सरकार द्वारा चिकित्सकों के ठहरने के लिए कुछ होटलों और विश्राम गृहों में व्यवस्था की है।

हमने राज्य में एक अपैक्स बाडी बनाई है जिसमें विपक्ष के लोगों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं, दवाओं आदि की आपूर्ति के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सप्लाई चेन बनाई है। शीघ्र ही ऐसी 20000 कमेटियां बनाई जाएंगी जो दवाओं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और सर्वे जैसे विभिन्न कार्य करेंगे।

कोविड-19 की रोकथाम के लिए राज्य में की जा रही व्यवस्था के कारण अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा की स्थिति काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि हमें अभी सचेत रहना है क्योंकि खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है। लॉकडाउन की अवधि चाहे 14 अप्रैल को समाप्त हो रही हो पर यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि हमारे प्रधानमंत्री क्या आह्वïान करें। उन्होंने कहा कि हम प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं, लॉकडाउन चाहे चरणों में समाप्त हो या लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए, हम उसके लिए भी तैयार हैं।