चण्डीगढ़। PGI में बुधवार को पंजाब के फगवाड़ा के एक 6 महीने के बच्ची का केस आया था। जन्म से ही बच्ची के दिल में छेद था। परिजनों ने गत 9 अप्रैल को उसे PGI में भर्ती कराया। जिसके ईलाज के लिए PGI में डाॅक्टरों की एक खास टीम तैयार की गई थी। लेकिन इलाज के दौरान बच्ची के टेस्ट करने पर उसमें कोरोना पाॅजिटिव पाया गया।
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मासूम बच्ची (रितिका) 26 घंटे तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद आखिरकार हार गई। वीरवार दिन में करीब 1 बजे बच्ची की नाजुक हालातों के कारण मौत हो गई। बताया गया कि बच्ची में इंफेक्शन इतना बढ़ गया था कि उसे बचाया नहीं जा सका। PGI के लिए यह बेहद गंभीर बात है कि बच्चों के वार्ड APC यानि ‘एडवांस पीडियाटरिक सेंटर’ में कोराेना ने दस्तक दी और उसे बचाया भी नहीं जा सका।
डाॅक्टरों ने शक होने पर किया कोरोना टेस्ट, रिपोर्ट आई पाॅजिटिव
फगवाड़ा की रहने वाली रितिका को दो दिन से इंफेक्शन आ रहा था। जिस पर डॉक्टरों ने उसके कोरोना होने का शक हुआ। मंगलवार दोपहर को उसके टेस्ट करवाए गए। जिसमें रितिका को कोरोना पॉजिटिव निकला। रितिका को तो कोरोना वार्ड में एडमिट कर लिया गया। जहां तुरंत उसे उपचार दिया जाने लगा। लेकिन बच्ची की हालात काफी नाजुक होने के कारण डाॅक्टर्स बच्ची को बचा नहीं पाए और वीरवार को 6 महीने की मासूस की मौत हो गई।
बच्ची के इलाज में लगे 54 PGI स्टाफ की रिपोर्ट आई नेगेटिव
बच्ची के संपर्क में आए 18 डॉक्टर एचए और एक्स.रे तकनीशियन समेत 54 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। PGI से मिली जानकारी के अनुसार बच्ची की कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 18 डॉक्टर समेत 54 स्टाफकर्मियों की कोरोना जांच की गई थी। जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।