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PGI में माँ ने अपनी 2 महीने की बच्ची को जमीन पर रखा, धर्मशाला जाने से किया इंकार

चण्डीगढ़। काफी दिनों से कोरोना संक्रमण के कारण परेशान लोगों को मिली राहत, क्योंकि PGI से वीरवार को एक साथ 42 कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

इनमें से जो लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके है उन्हें घर भेज दिया गया, इसमें PGI की 27 साल की नर्सिग ऑफिसर और पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की 55 साल की मां और आठ साल की बच्ची शामिल थी। इन तीनों को सात दिन के लिए होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया है।

PGI से दोपहर करीब तीन बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के मुताबिक 22 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। इन 22 लोगों को सेक्टर-22 की सूद धर्मशाला में अगले 7 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है। 7 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद इन लोगों को घर भेजा जाएगा।

सूद धर्मशाला भेजने पर महिला ने जताया विरोध, 2 महीने के बच्ची को लिटाया सड़क पर

PGI द्वारा जारी की नई गाइडलाईन के अनुसार कुछ मरीजों को हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज करके, सेक्टर-22 की सूद धर्मशाला में भेज दिया गया। लेकिन सेक्टर-25 की महिला ने इस पर विरोध जताते हुए PGI में हंगामा कर दिया। महिला सूद धर्मशाला में जाने से साफ इनकार कर दिया।

महिला ने अपनी 2 महीने की बच्ची को हाॅस्पिटल के गेट पर ही जमीन लेटा दिया और कहा कि सूद भवन में न दूध की व्यवस्था है और न अच्छे खाने की व्यवस्था। वहां मरने से अच्छा है कि मेरी बेटी यहीं मर जाए।

महिला का कहना है कि मुझे फोन से किसी ने जानकारी दी है कि प्रशासन की ओर से धर्मशाला में न बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई है और न मरीजों को अच्छा खाना मिल रहा है।

धर्मशाला में जिन लोगों को क्वारंटीन किया गया है, सब परेशान हैं। यहां तक कि धर्मशाला में मरीजों को पानी भी ठीक से नहीं मिल रहा है। इसे लेकर काफी देर तक डॉक्टर व महिला के बीच बहस होती रही।

डाॅक्टर व स्टाफ के साथ चल रही बहस के दौरान ही महिला ने अपनी बच्ची को तपती धूप में सड़क पर लिटा दिया। जिसके बाद डाॅक्टर्स द्वारा उसे काफी समझाया गया कि वहां कोरोना मरीजों के लिए हर तरह व्यवस्था की गई है।

लेकिन फिर भी जब महिला नहीं मानी तो उसे उसकी बच्ची के साथ PGI के डॉक्टर फिर से नेहरू एक्सटेंशन सेंटर में वापस ले गए और बच्ची को भर्ती कर लिया।