चण्डीगढ़। शहर में सब्ज़ी मंडी को शिफ्ट करने का मामला गरमाया हुआ है। पिछलें कई सालों से सेक्टर-26 में स्थित सब्जी मंडी को कोरोना संक्रमण के कारण अस्थाई तौर पर सेक्टर-17 के बस स्टैंड में शिफ्ट कर दिया गया था। सीटीयू द्वारा फिर से बस सेवा चालू करने के बाद मंडी को सेक्टर-17 बस स्टैंड से हटाया जाना था। लेकिन यूटी प्रशासन अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि वह मंडी को वापिस सेक्टर-26 में शिफ्ट किया जाएगा या फिर सेक्टर-39 में।
पीपल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी संस्था के संगठन सचिव राजिंदर गुप्ता और स्टेट जनरल सेक्रेटरी राङ्क्षजदर मोहन कश्यप ने बताया कि सेक्टर-26 सब्जी मंडी मे रोजाना लाखों लोग सब्जियां और फल खरीदने पहुंचते हैं, जिसके लिए अब सेक्टर-26 सब्जीमंडी छोटी पड़ रही है। ऐसे में सेक्टर-39 वेस्ट में मंडी शिफ्ट करने का फैसला बिलकुल सही है।
वही मंडी के आढ़तीयो का कहना है की कुछ लोग बहुत जल्दी में हैं सेक्टर-39 में मंडी ले जाने के लिए जिसका नकरात्मक असर पूरी मंडी और शहर को झेलना पड़ सकता है। किसी भी आरड़ती को 39 में जाने में कोई दिक्कत नहीं है पर तभी जाना चाहते हैं जब वहाँ सब कुछ बन जाए। चार दिवारी बाथरूम, शेड , दफ़्तर ,कोल्ड स्टोर ,लेबर के लिए सुविधा ,यह सब बहुत चीज़ें हैं जिनकी बहुत अहमियत होती है किसी भी मंडी के सुचारू रूप से चलने के लिए।
कुछ आढ़तीयो का ये भी कहना है कि फ़ैसला ग़लत साबित होगा अगर बिना इन्फ़्रस्ट्रक्चर के मंडी सेक्टर-39 में भेजी गयी। मंडी फैल हो जाएगी अगर बिना इन्फ़्रस्ट्रक्चर के वहाँ भेजी गयी।
प्रशासन द्वारा 2016 में सेक्टर-39 वेस्ट में मंडी बनाने का प्रपोजल आ गया था और डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया गया था लेकिन चार साल में अभी तक भी सही ढंग से डेवलपमेंट नहीं हो पाई है। अब देखना यह है चंडीगढ़ प्रशासन क्या फेंसला लेती है।