भारत की कोविड-19 की पहली संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन (COVAXIN) को दवा नियामक DGCI से पहले और दूसरे चरण के लिए मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने विकसित किया है। वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण इस साल जुलाई से शुरू करने की योजना है।
इस वैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित की गई है। वायरस के स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में आईसोलेट किया गया था और भारत बायोटेक को भेजा गया था, जहां इस स्वदेशी वैक्सीन को विकसित किया गया।
चीन में भी आज एक वैक्सीन को सैन्य इस्तेमाल की अनुमति दी गई। इस वैक्सीन को चीनी सेना की रिसर्च यूनिट और कैनसिनो बायोलॉजिक्स ने विकसित किया है। हालांकि अभी यह वैक्सीन केवल सैन्य प्रयोग के लिए होगी क्योंकि लॉजिस्टिक्स विभाग की अनुमति के बिना इसका बड़े स्तर पर प्रयोग नहीं किया जा सकता। यह Ad5-nCoV वैक्सीन चीन की उन आठ संभावित वैक्सीन में शामिल हैं जिन्हें इंसानों पर ट्रायल की अनुमति मिली है।
इस समय दुनियाभर में कोरोना वायरस की 100 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिल पाई है।