स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने कोरोना वायरस को लेकर भारत में राज्यों और UT’s की ओर से रिपोर्टिंग में बड़े अंतर और विसंगतियों पर रोशनी डाली है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम द्वारा की गयी एक स्टडी के अनुसार, भारत में चंडीगढ़ द्वारा COVID-19 डेटा की बेहद खराब रिपोर्टिंग की गयी है। 29 राज्यों और UT’s की सूची में, चंडीगढ़ निचे से छटे स्थान पर है। स्टडी में सामने आया है कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा की गयी COVID-19 डेटा रिपोर्टिंग की सटीकता और पारदर्शिता काफी खराब है। चंडीगढ़ तेलंगाना, राजस्थान और असम के साथ निचे से छटे स्थान पर है।
भारत भर में COVID-19 डेटा रिपोर्टिंग में असमानता’ शीर्षक वाली इस स्टडी के मुताबिक कर्नाटक COVID-19 की डेटा रिपोर्टिंग में सबसे पहले स्थान पर रहा। हालांकि, भारत में कोविड-19 रिपोर्टिंग की गुणवत्ता केवल 0.26 थी, जिसने पूरे देश में खराब रिपोर्टिंग दिखाई.” इस स्टडी का अभी Peer Review (सहकर्मी की ओर से समीक्षा) होना बाकी है।
19 मई से 1 जून के बिच आये मामलो पर की गयी स्टडी
इस स्टडी में लोक स्वास्थ्य डेटा रिपोर्टिग के चार मुख्य पहलुओं को शामिल किया गया। रिसर्च टीम ने फिर इसे उपलब्धता, पहुंच, विशिष्टता और गोपनीयता के आधार पर परखा और 19 मई से 1 जून के बीच रिसर्चर्स ने 29 राज्यों द्वारा किए गए कोरोना डेटा रिपोर्टिग की क्वॉलिटी का पता लगाया।
शोधकर्ताओं के अनुसार, “हमारे नतीजे भारत में राज्य सरकारों द्वारा किए गए कोविड-19 डेटा रिपोटिर्ंग की गुणवत्ता में भारी असमानता का संकेत देते हैं.” स्टडी से ता चला कि CDRS में कर्नाटक के 0.61(अच्छा) से बिहार और उत्तरप्रदेश के 0.0 (खराब) के बीच भारी अंतर है। स्टडी में अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और लक्षद्वीप जैसे राज्यों और UT’s को शामिल नहीं किया गया क्युकी 18 मई तक इन राज्यों में COVID-19 के दस से अधिक मरीज नहीं थे।
कोविड-19 पर राज्यों की डेटा रिपोर्टिंग
स्टडी में गुणवत्ता के हिसाब से कर्नाटक (0.61), केरल (0.52), ओडिशा (0.51), पुड्डुचेरी (0.51), और तमिलनाडु (0.51) की रिपोर्टिंग अच्छी बताई गई।
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश (0.0), बिहार (0.0), मेघालय (0.13), हिमाचल प्रदेश (0.13), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (0.17) और चंडीगढ़ (0.21) की रैंकिंग नीचे रही।
पंजाब और चंडीगढ़ ने लोगों की गोपनीयता के साथ किया समझौता
स्टडी में ने पाया गया है कि पंजाब और चंडीगढ़ ने आधिकारिक वेबसाइटों पर क्वारंटाइन में रह चुके लोगों की पहचान को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किया, जिससे लोगों की निजता का हनन हुआ।