चण्डीगढ़। कोरोना वायरस जैसी महामारी को मात देने के लिए और लोगों को इस बिमारी से बचाने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन तैयार की जा रही है। लेकिन स्पष्ट तौर पर कोई भी देश इसमें पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है।
हालांकि कुछ देशों में वैक्सीन के पहले दूसरे ट्रायल में कामयाबी हासिल हुई है। ऐसे ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से भी कोरोना वैक्सीन को तैयार किया गया है। जिसका ट्रायल करने के लिए ऑक्सफोर्ड ने भारत देश के 17 संस्थानों चुना है। इन चुने गए संस्थानों में चण्डीगढ़ की PGIMER का नाम भी शामिल है। अब PGI शहर के लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल करेगी।
कैसे होगा वैक्सीन का ट्रायल?
पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक एंड हेल्थ की प्रो. मधू गुप्ता ने बताया कि PGI इस वैक्सीन का ट्रायल ऐसे लोगों पर करेगी जिन्हे अभी तक कोरोना वायरस न हुआ हो साथ ही उनका पूरा परिवार भी इसकी चपेट में न आया हो। वैक्सीन का ट्रायल 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों पर ही किया जा सकेगा। ये ट्रायल चार स्टेज में होगा जबकि PGI को दूसरे व तीसरे ट्रायल के लिए चुना गया है। वैक्सीन लगाने के बाद व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी सही मात्रा में बन रहे है या नहीं ट्रालय में इसकी जांच की जाएगी।
शहर के 250 लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। इसमें से दूसरा डोज पहले डोज के चार हफ्ते बाद दिया जाएगा। दोनों डोज देने के बाद देखा जाएगा कि संबंधित व्यक्तियों के शरीर में कोविड-19 के विरुद्ध एंटीबॉडी बन रहे हैं या नहीं। इम्युनिटी इम्प्रूव हुई या नहीं। इसमें देखा जाएगा कि क्या यह वैक्सीन इंसानों में कोविड के खिलाफ जरूरी बचाव कर रही है या नहीं।
ट्रायल सफल रहा तो सभी को यह वैक्सीन दी जाएगी, ताकि भविष्य में किसी को कोरोना न हो। रिजल्ट अच्छे रहे तो कंपनी को वैक्सीन बनाने का लाइसेंस मिल जाएगा। ट्रायल होने में महीने का वक्त लग सकता है।
डॉ. मधु ने बताया कि अगस्त के अंत तक इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। इसमें कम्युनिटी मेडिसिन के साथी वायरोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। ट्रायल पूरा होने में 6 महीने का समय लगेगा।
ऑक्सफोर्ड ने भारत देश के 17 संस्थानों चुना है
भारत में पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बनाई जा रही इस वैक्सीन का ट्रायल देशभर के चुनिंदा संस्थानों में किया जाएगा। PGI चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली स्थित, पुणे स्थित एबीजे मेडिकल कॉलेज, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस), जोधपुर में एम्स, गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित नेहरू अस्पताल, विशाखाट्टनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज और मैसूर में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च शामिल हैं।
पीजीआई के लिए गर्व की बात
पीजीआई चंडीगढ़ को विश्व स्तर पर बन रही कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल में भागीदारी का मौका मिला है। संभवत: यह पहला मौका है, जब पीजीआई को किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के काम में शामिल किया गया हो। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूके द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन के पहला चरण का ट्रायल सेफ्टी मापदंड पर खरा उतरा है। अब दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल किया जाना है। भारत में कुल 1600 व्यक्तियों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। इन 1600 में से 250 व्यक्ति पर पीजीआई चंडीगढ़ में ट्रायल होगा। पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. जगत राम ने पीजीआई के लिए इसे उपलब्धि बताया है। कहा कि गर्व की बात होने के साथ-साथ संस्थान के लिए यह चुनौती भी है।