कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहता ने नाडा साहिब के पास स्थित पारस हॉस्पिटल में कोरोना के इलाज का ज्यादा बिल वसूलने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा है।रंजीता मेहता ने बताया कि उन्हें 1 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दी गई। जब उन्होंने बिल देखा तो पाया कि जो टेस्ट किए ही नहीं उनका भी बिल थमा दिया। इसमें ECG भी शामिल था।
उन्होंने बताया कि पंचकूला सेक्टर 6 नागरिक अस्पताल से ही उन्हें कैनुला लगा दिया गया था और इस अस्पताल में आने के बाद उन्हें कोई कैनुला अलग से नहीं लगाया गया। 10 N-95 मस्क के 3500 चार्ज किए गए हैं। इसके साथ ही 5 हज़ार की PPE किट चार्ज की गई है।
रंजीता मेहता ने बताया कि उन्होंने अपना इलाज सामान्य वार्ड में कराया था। इस बैड के लिए उनसे प्रति दिन के 10 हज़ार चार्ज की गए हैं। इसकी जानकारी अस्पताल के प्रबंधन ने पहले नहीं दी थी।उन्होंने कहा कि उनके 3 दिन का अस्पताल का बिल 97 हज़ार आया है। वहीं इस मामले में पंचकूला सिविल सर्जन डॉ जसजीत कौर ने कहा कि अगर पीड़िता रंजीता मेहता उन्हें लिखित में शिकायत देती हैं तो वह इस पर कार्रवाई करेंगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निजी अस्पतालों के लिए पैकेज की लिमिट जारी की गई है। अगर पारस हॉस्पिटल ने सरकार द्वारा जारी की गई पैकेज की लिमिट से ज्यादा रकम वसूली है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पंचकूला सिविल सर्जन डॉ जसजीत कौर ने कहा कि अगर पीड़ित लिखित में उनको शिकायत देते हैं और पारस हॉस्पिटल ने सरकार द्वारा जारी पैकेज से ज़्यादा रकम वसूली है तो कार्यवाई की जाएगी।
इससे पहले सिविल हॉस्पिटल की दयनीय हालत की भी दी थी शिकायत
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कोरोना के इलाज के लिए कांग्रेस प्रवक्ता रंजीता मेहला पंचकूला के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी। जहां उन्होंने सिविल हॉस्पिटल की हालत खराब होने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री अनिल विज को टैग करते हुए लिखा था कि यहां मरीजों का स्वागत मधुमक्खीयां कर रही हैं।
साथ ही उन्होंने यहां तक भी कहा था कि पंचकूला सिविल हॉस्पिटल की हालत इतनी खराब है कि खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला में भर्ती होने के बजाए गुरुग्राम में निजी मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती हुए है।