हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी के भतीजे अकांक्ष सेन की हत्या के दोषी हरमेहताब को बुधवार को एडिशनल डिस्ट्रिक्त एंड सेशन जज राजीव गोयल ने फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है। साथ ही आरोपी पर तीन लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
9 फरवरी 2017 को चण्डीगढ़ के सेक्टर-9 में दोस्त की पार्टी से निकलने के बाद आरोपी हरमेहताब और उसने साथी बलराज ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से अकांक्ष को कुचल-कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था। दोनों आरोपियों की अकांक्ष के साथ पुरानी रंजिश थी। जिसके चलते मौका मिलते ही उन्होनें अकांक्ष पर हमला कर दिया। हमले में अकांक्ष की मौत हो गई थी।
लगभग दो साल से केस कोर्ट में चल रहा था। जिसपर बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
फैसले के बाद भावुक हुए अकांक्ष के पिता
2 साल से बेटे की मौत के बाद इंसाफ की आस लगाए अकांक्ष के पिता को कोर्ट का फैसला सुनने के बाद मृत बेटे को याद कर भावुक हो गए। अकांक्ष सेन के पिता अरूण सेन ने कहा कि उन्हें अभी भी पूरा इंसाफ नहीं मिला है, क्योंकि असली कातिल बलराज रंधावा अभी भी पुलिस के गिरफ्त में नहीं आया है। जब असली आरोपी को भी उसके किए कि सजा मिलेगी तभी उन्हें पूरा इंसाफ मिलेगा।
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अरूण सेन ने कहा कि अरोपी बलराज ने ही उनके बेटे को उनसे दूर किया है। इसलिए उसे भी सजा मिलना जरूरी है। जिसके लिए अकांक्ष के पिता ने चण्डीगढ़ प्रशासक वीपी सिंह बदनौर समेत कई बड़े अधिकारियों के आगे गुहार लगाई है।
अकांक्ष के पिता से मिलने के बाद प्रशासक वीपी सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि मुख्य आरोपी बलराज जहां कहीं भी छुपा होगा। उसे ढ़ूंढ कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।