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सीनियर्स द्वारा हैरास करने पर बैंक असिस्टेंट मैनेजर ने किया सुसाइड

चण्डीगढ़। यूनियन बैंक की मनीमाजरा शाखा में बतौर असिस्टेंट मैनेजर के रूप में काम कर रही नीलिमा ठाकुर (32) का शव शनिवार को फंदे से लटका मिला। नीलिमा ठाकुर ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। घर में मौजूद नीलिमा के पिता ने जब उनका शव फंदे से लटका देखा तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। पिता ने तुरंत नीलिमा को नीचे उतारकर हॉस्पिटल पहुंचाया लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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जिसके बाद नीलिमा ठाकुर के घर में मातम छा गया। पुलिस जांच में मिली डायरी में नीलिमा ने अपने बैंक सहकर्मियों तथा सीनियर्स को अपनी मौत का जिम्मेवार ठहराते हुए। मरने के बाद इंसाफ की मांग की।

क्या है पूरा मामला?

नीलिमा ठाकुर यूनियन बैंक की मनीमाजरा शाखा में बतौर असिस्टेंट मैनेजर कार्यरत थी। लेकिन ट्रांसफर किये जाने के बाद से फिलहाल नीलिमा यूनियन बैंक के सेक्टर-17 रीजनल ऑफिस में तैनात थीं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने बैंक में जरुमंदों को प्रधानमंत्री की योजनाओं के तहत दिए जाने वाले 6 से 10 लाख के लोन को पास करने के लिए लोन लेने वालों से पहले ही 40 से 50 हजार की रिश्वत लेने की शिकायत की थी ।

बैंक में लोन देने के नाम पर हो रही रिश्वत खोरी हो रही है। उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन बैंक की इंटरनल विजिलेंस ने इसपर कोई खास जांच नहीं की। जिसके बाद से नीलिमा ठाकुर को बैंक में उनके सीनियर स्टाफ द्वारा परेशान किया जाने लगा। उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए। साथ ही बार-बार उनका ट्रांसफर किया जाने लगा। जिससे वह काफी डिप्रेस रहने लगी।

बैंक की रिश्वत खोरी पर कोई जांच न होती देख हताश होकर घर में फांसी लगा ली। नीलिमा सेक्टर-49 के साईं एन्क्लेव में रहती थीं। जब उसने फंदा लगाया तो उस समय घर में नीलिमा के पिता, छोटी बेटी और बेटा थे।

पुलिस जांच में एक डायरी सामने आई , ‘‘अपने पति को सीनियर्स और साथी कर्मियों के नाम लिखकर कहा कि मैं सच्ची थी, पर इन्होंने इतना हैरास किया कि मैं मरने को मजबूर हो गई। प्लीज, आप इन कर्मियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट जरूर करवाना। पता चल जाएगा कितनी करप्शन की है। इनको सजा जरूर दिलवाना, बख्शना नहीं, सच सामने आना ही चाहिए।’’

पुलिस ने DDR दर्ज की

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने DDR दर्ज कर ली है। जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डायरी में नीलिमा ने साथ काम करने वाले बैंक अधिकारी रामानंद, नरेश गुप्ता, पंकज, विवेक, अशोक शर्मा, रावत साहित और तीन महिला कर्मियों के नाम लिखे हैं। सभी यूनियन बैंक के रीजनल ऑफिस के सरल विभाग में तैनात हैं।

तीन बार ट्रांसफर, पति ने दी शिकायत

नीलिमा यूनियन बैंक की मनीमाजरा शाखा में करीब ढाई साल तैनात रहीं। जब उसने शिकायत की तो तबादला बैंक के रीजनल ऑफिस में सरल विभाग में कर दिया गया। पति प्रकाश के मुताबिक यहां लगातार उसे परेशान किया जाता रहा। इसके बाद नीलिमा का तबादला सरल विभाग से पीएनआर यानि पर्सनल विभाग में कर दिया गया।