————–स्वच्छता अभियान की खुली पोल—————
मनीमाजरा। मनीमाजरा बस अड्डा तथा एनएसी के शोरूमों में शौचालयों का इतना बुरा हाल है कि लगता है कि सालों से इनकी रिपेयर नहीं हुई, शौचालय इस कदर खस्ताहाल हो चुके हैं कि छत का पलास्तर किसी के ऊपर गिरकर चोट न पहुंचा दे। कहीं से बिजली बोर्ड की नंगी तारें निकली हुई हैं तो कई के स्विच बोर्ड ही टूटे पड़े हैं। टूटियों की हालत भी अत्यंत खस्ता है। बाथरूमों के दरवाजे टूटे पड़े हैं। मुंह देखने वाला शीशा पूरी तरह से खराब हो चुका है जो लगा न लगा बराबर है।
मनीमाजरा बस अड्डे के बाथरूम के अंदर बैठे सफाई कर्मचारी से पूछा गया तो उनका जवाब था कि “साहब हम तो कई बार कह चुके हैं इन बाथरूमों की हालत बहुत ज्यादा खराब है इन्हें ठीक कराया जाए मगर यह तो प्रशासन का काम है”। उधर एनएसी के बाथरूम कर्मचारी से पूछा गया तो उसका जवाब था कि “साहब हमें तो पिछले 10 महीने की तनख्वाह तक नहीं मिली है बाथरूम क्या ठीक कराएंगे”। उधर दुकानदारों का कहना है कि हमने तो कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है शायद यह ठीक होगा या नहीं। यह दायित्व तो प्रशासन का है, उनको हालिया स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। स्वच्छ भारत या शहर का नारा देने वाले अगर केवल नारों का सहारा लेते रहेंगे तो स्मार्ट सिटी पीछे खिंचता चला जाएगा। यहां के दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन इनकी हालत को देखते हुए जल्द ही इसे सही ढंग से रिनोवेट कराए ताकि यहां आने वाले लोगों को राहत मिल सके।