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दो बार स्टोव फटने के बावजूद प्रशासन बेखबर

चंडीगढ़। सेक्टर-17 जनरल पोस्ट ऑफिस के आगे पीपल के नीचे चाय पकोड़े वाले ने कई सालों से बेखौफ अपना अड्डा जमा रखा है जिस जगह पर कीमती डाक आने-जाने के लिए डाकघर की गाडिय़ों के लिए पार्किंग बनाई हुई है उसी जगह डाकघर के दूसरे गेट के बिल्कुल सामने अपना अड्डा जमा रखा है। उसी जगह डाक की गाडिय़ां भी सटी हुई खड़ी रहती हैं।

इस खुली दुकान पर हर रोज चाय, पकोड़े, परांठे खाने के लिए मजमा लगा रहता है। हर समय इस दुकान पर 20 से 25 लोग खड़े रहते है और सेकड़ों लोग यहाँ पर आते हैं। इसके अलावा इस फड़ी वाले ने जगह-जगह अपना सामान रखा हुआ है जिससे पार्किंग करने वालों को अपने व्हीकल खड़े करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और तो और यह दुकान वाला एक तरफ बैठ कर बर्तन भी धोता है जिससे हर समय इस जगह पर गंदा पानी खड़ा रहता है। जिससे दुर्गंध का माहौल बना रहता है। हैरानी की बात तो तब हो जाती है जब बरसात हो जाती है तो ये लोग शोरूम के बरामदे में ही अपनी दुकान जमा लेते हैं जिससे दुकानदारों और आने-जाने के लिए जगह नहीं बचती अगर इनको सामान हटाने के लिए कहा जाए तो ये लोग अभद्रता पर उतर आते हैं। ये दुकानदार स्टोव से ही सारा काम करता है और ज्वलनशील पदार्थ भी यहीं साथ में रखता है। जब पंचकूला समाचार की टीम ने इस दुकान का सर्वे किया तो देखा कि इस दुकान से एकदम सटा हुआ डाकघर व पंजाब विजिलेंस का दफ्तर भी है और कई शोरूम भी हैं जहां प्रतिदिन हज़ारों लोग नौकरी और अन्य कामों के लिए आते हैं। डाकघर में भी हर रोज सैकड़ों लोग अपना काम कराने आते हैं और अपने व्हीकल इस पार्किंग में लगा कर जाते हैं जिनकी टंकी पेट्रोल से भरी होती है तथा भारी संख्या में यहां पर वाहन खड़े होते हैं। पिछले दो साल पहले भी इस दुकान पर दो बार स्टोव फट चुका है जिससे कुछ व्यक्ति गंभीर रूप में घायल भी हो चुके हैं जिनको अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा था।

मगर हैरानी की बात यह है कि इन लोगों को ऐसे हादसों से कोई फर्क नहीं पड़ता और न ही प्रशासन ने इस हादसे से कोई सबक लिया है ऐसा लगता है कि प्रशासन की नजर इस दुकान पड़ी ही नहीं या फिर प्रशासन इससे भी बड़े हादसे की इंतजार कर रहा है। आज तक पोस्ट ऑफिस की तरफ से भी इस दुकान को हटाने पर कोई संज्ञान लिया गया। हालांकि ज्यादातर यहां के कर्मचारी भी इस दुकान पर नाश्ता पानी करते देखे जा सकते हैं जबकि पोस्ट ऑफिस की निजी कैंटीन भी डाकघर के अंदर चलाई जा रही है।

अब सोचने बाली बात यह है कि इस चाय वाले ने धीरे धीरे इतना अंपायर खड़ा कर लिया है जहां पर कई प्रॉडक्ट तैयार किए जा रहे हैं। लगता है इस दुकान मालिक को थोड़ी जगह की और जरुरत पड़े ताकि खुले में ग्राहकों को खाने पीने की सभी सुविधाएं अच्छी तरह से दे सके। इस चाय पकोड़े वाले की वजह से दो गंभीर हादसे हो जाने के बावजूद प्रशासन नहीं चेता। शयद प्रशासन इससे भी बड़े हादसे की इंतजार में है। कुछ जागरूक लोगों ने अब डीसी से गुहार लगाई है कि इस चाय पकोड़े वाले को जल्द से जल्द यहां से हटाया जाए ताकि कोई बेगुनाह सम्भावित हादसे की चपेट में न आ जाए।