<p style=”text-align: justify; “>पंचकूला में करण ठाकुर की ब्लू व्हेल गेम से हुई मौत के बाद अब इस गेम के और एडिक्ट लोग सामने आ रहे है। पंचकूला से ही ब्लू व्हले से एडिक्ट दो और मामले सामने आये है। इन दोनों मामलों में बच्चे नहीं बल्कि एक मैरिड वुमन और एक 23 साल का युवक शामिल है। ये दोनों ही डिप्रेशन में चले गए थे। अब इन दोनों का पिछले 20-25 दिनों से पंचकूला के जनरल अस्पताल के साइकेट्री डिपार्टमेंट में इलाज चल रहा है। </p><p style=”text-align: justify; “><span style=”font-weight: bold;”>मैरिड वुमन कर चुकी थी कई लेवल पार</span></p><p style=”text-align: justify; “>35 साल की इस महिला का लंबे समय से पति के साथ झगड़ा चल रहा था। पति से चल रही लड़ाई के दौरान उसने कहीं से ब्लू व्हेल गेम का लिंक शेयरइट से ले लिया। इसके बाद वो ब्लू व्हेल के चक्कर में फंस गई। महिला इस गेम के कई टास्क भी पूरी कर चुकी थी। उसके हाथ पर ब्लेड से कटा निशान भी मिला है। इसके बाद जब वो महिला डिप्रेशन में चली गई तो किसी ने उसे डॉक्टर के पास आने की सलाह दी। जब वो यहां आई तो उसने सारी कहानी बताई। अब महिला का इलाज चल रहा है।डॉक्टर के पास आने के बाद महिला ने फोन से गेम डिलीट कर दी है। महिला एक हाउसवाइफ है। </p><p style=”text-align: justify; “><span style=”font-weight: bold;”>बहन को पता चला तो बच गया</span></p><p style=”text-align: justify; “>23 साल का युवक बताता है कि घर में माहौल कुछ ठीक नहीं था। पिता शराबी है और बहन का तलाक हो गया है। इसके चलते परिवार चलाने की जिम्मेदारी उसके कंधों पर गई थी। युवक प्राइवेट जॉब करता है और साथ में स्टडी भी करता है। घर में रोजाना हो रही लड़ाइयों के चक्कर में युवक डिप्रेशन में गया। इस लड़ाइयों से खुद को दूर रखने के चक्कर में ही उस युवक ने अपने फ्रेंड सर्कल से इस गेम का लिंक ले लिया। इसके बाद वो इसे खेल रहा था, लेकिन जब बहन को पता चला तो वो डॉक्टर के पास ले आई। पिछले करीब 25 दिनों से इस युवक का इलाज पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित जनरल अस्पताल के साइकेट्री डिपार्टमेंट में चल रहा है। </p><p style=”text-align: justify; “><a href=”https://goo.gl/mizWW1”>Read More | पंचकूला के 17 वर्षीय लड़का ब्लू व्हेल गेम का हुआ शिकार, पंखे से फंदा लगा दी जान</a></p><p style=”text-align: justify; “>पंचकूला से भेजे गए 5 मोबाइल को स्कैन करने का काम भी गुरुग्राम में शुरू हो चुका है। इन मोबाइल में ट्रोजन वायरस और गेम से जुड़े कनेक्शन की भी जांच की जा रही है। वहीं पंचकूला में बढ़ते केसो को देखते हुए पुलिस ने सर्वे करने शुरू कर दिए है। इसके लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है। </p><p style=”text-align: justify; “><span style=”font-weight: bold;”>लक्षणों को पहचानें</span></p><p style=”text-align: justify; “>इस गेम को खेलने वालों में किसी भी काम में रूचि नहीं होती। इनका कॉन्फीडेंस लेवल कम होता है। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, दोस्तों और अपने परिवार से एकदम कट होना, एक-दूसरे से बोलना बंद करना, हर गलत काम का दोष अपने ऊपर लेना इसके लक्षण हैं। ऐसे लक्षण आपके अपने बच्चे या फैमिली मेंबर्स में लगे तो तुरंत साइकेट्रिस्ट डॉक्टर से मिलें। </p>
Posted on by Team PS