कश्मीर में 17 साल बाद अमरनाथ यात्रा पर फिर बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने सोमवार रात अनंतनाग जिले के बाटेंगू और खानाबल में पहले पुलिस पार्टी पर हमला किया। फिर अमरनाथ यात्रियों से भरी एक बस पर फायरिंग की। हमले में 6 महिलाओं समेत 7 यात्रियों की मौत हो गयी, जबकि 32 लोग घायल हुए हैं। सभी यात्री गुजरात के थे और अमरनाथ गुफा के दर्शन करके जम्मू लौट रहे थे।
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जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी मुनीर खान ने 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। एक अधिकारी ने कहा, ‘रात करीब 8 बजकर 20 मिनट पर आतंकियों ने बाटेंगू में पुलिस के बख्तरबंद वाहन पर हमला किया। फिर खानाबल के पास पुलिस की टुकड़ी पर हमला किया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो आतंकवादी भागे और उन्होंने यात्रियों को लेकर जा रही बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।’
हमले के बाद केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आ गई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की और पीएम नरेंद्र मोदी को जानकारी दी। पीएम मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और सीएम महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की। इस मामले पर मंगलवार को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गयी है।
पीएम मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है। मोदी ने कहा, ‘शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के दर्द को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। हर किसी को इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजन खो दिये। मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं।’ रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा, अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला सबसे निंदनीय कृत्य है। जम्मू-कश्मीर की सीएम ने कहा, यह हमारे मूल्यों और परंपराओं पर हमला है। कश्मीर का सिर शर्म से झुक गया है।
इससे पहले 1 अगस्त 2000 को आतंकियों ने पहलगाम में अमरनाथ यात्रियों पर हमला करके 30 लोगों को मार डाला था।
बोर्ड में रजिस्टर्ड नहीं थी बस, बिना सुरक्षा के चली
यह बस सुरक्षा वाले काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन था। पुलिस ने दावा किया कि बस चालक ने तीर्थयात्रा के नियमों का उल्लंघन किया। रात 7 बजे के बाद किसी यात्रा वाहन को हाईवे पर चलने की अनुमति नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक इस बस के यात्री 2 दिन पहले यात्रा पूरी कर चुके थे, उसके बाद यात्रा रूट से अलग श्रीनगर में थे।