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कर्फ्यू हटाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर, हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन से 24 घंटें में मांगा जवाब

चण्डीगढ़। यूटी प्रशासन द्वारा शहर में कर्फ्यू हटाने तथा बिना पास के लोगों कों सुबह 7 से शाम के 7 बजे तक घूमने की इजाजत दी गई है। जिस पर याचिका दायर करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि शहर में कोरोना के पाॅजिटिव केस आने के और शहर को ‘रेड जाॅन’  घोषित किए जाने के बाद भी इतनी छूट देना सरासर लापरवाही है। क्योंकि इससे शहरवासियों के लिए खतरा और भी बढ़ सकता है।

एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने याचिका में बताया कि शहर में सुबह 7 बजे से शाम को 7 बजे तक बिना पास के घूमने की यूटी प्रशासन ने अनुमति दे दी है। इसके साथ ही इस दौरान वाहनों की आवाजाही को भी बिना पास के अनुमति दे दी है। इसके साथ ही शहर से लगते मोहाली और पंचकूला से आने जाने वाले वाहनों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है और बिना पास के इन्हें आने जाने की अनुमति दी जा रही है।यूटी प्रशासन द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया है।

जिसके बाद हाईकोर्ट द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए यूटी प्रशासन को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। साथ ही हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को कहा कि शहर के हालात इस समय सामान्य नहीं है उसे सामान्य समझने की भूल भी न करें।

वहीं चण्डीगढ़ के सीनियर स्टेंडिंग काउंसलर (पंकज जैन) का कहना है कि यह फैसला विचार-विमर्श करने के बाद ही लिया गया है। उनका कहना है कि कई विषयों पर गौर करने के बाद ही लाॅकडाउन और कर्फ्यू में ढील दी गई है। यह इसलिए किया गया है ताकि लोगों को असुविधा न हो। इसीलिए उनके आवास के आसपास की दुकानों को खोला गया है ना कि बडे़ माॅल या बाजारों को।

पंकज जैन ने कहा कि पंचकूला और मोहाली के वाहनों को शहर में आने की इजाजत इसलिए दी गई है क्योंकि पंजाब और हरियाणा के ऑफिस चंडीगढ़ में हैं। यूटी प्रशासन द्वारा सिर्फ 30 प्रतिशत स्टाफ को ही ऑफिस में आने की इजाजत दी गई है।

जहां तक कंटेनमेंट जोन की बात है तो वह पूरी तरह से केंद्र की गाइडलाइन्स के अनुसार ही तय की गई है। सार्वजनिक पार्क पर पहले भी कोई पाबंदी नहीं थी और अब भी नहीं है।