कोरोना कंट्रोल करने में 97.6 प्रतिशत तक कारगर रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी का अब हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्रीयल हब, सोलन जिले के बद्दी में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।
पनेशिया बॉयोटेक कंपनी को पहली बार इतनी बड़ी असाइनमेंट मिली है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआइएफ) के माध्यम से वैक्सीन तैयार की जाएगी। टिवटर अकाउंट पर भी कंपनी ने यह जानकारी दी है।
कंपनी के बिजनेस हेड पीडी करण ने बताया कि स्पुतनिक-वी के उत्पादन की तैयारी चल रही है। यहां बनने वाली वैक्सीन की क्वालिटी की जांच पड़ताल रूस से की जाएगी। इसकी सप्लाई भी रूस को ही जाएगी।
कंपनी के सुत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि रूस ने भारत में स्पूतनिक वी की 18 मिलियन खुराक भेजने की योजना अनाउंस की है, जिसमें मई माह में 30 लाख, जून में 50 लाख और जुलाई में 10 मिलियन डोज शामिल है।
वहीं सूत्रों के अनुसार भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर की ओर से रूस के आरडीआईएफ और पनेशिया बॉयोटेक को इस की मंजूरी मिल चुकी है। पनेशिया बॉयोटेक के एमडी डॉ. राजेश जैन ने बताया कि इस करार से हम देश और विश्व में इस महामारी को रोकने में बड़ा योगदान दे सकेंगे।
आपको बता दें कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन को भारत सरकार ने 12 अप्रैल, 2021 को ही इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी है और 14 मई, 2021 से इसकी डोज दी जाने लगी है।
हिमाचल प्रदेश का बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है जहां से देश सहित विश्व के कोने-कोने में दवाओं की सप्लाई की जाती है। यहां पनेशिया बॉयोटेक और आरडीआईएफ एक वर्ष में स्पूतनिक वी की 100 मिलियन खुराक का उत्पादन करेगी। उधर, राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने कहा कि फिलहाल मामला उनकी जानकारी में नहीं है। कंपनी और भारत सरकार के बड़े अधिकारियों के बीच बात हुई है।