चंडीगढ़ में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के दौरान 45 साल से ऊपर के लोग अब वैक्सीन होने के बावजूद सेंटरों पर नहीं पहुंच रहे हैं। इससे वैक्सीनेशन ड्राइव को जबरदस्त झटका लग रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार 45 साल से अधिक उम्र के महज 1.80 लाख लोगों ने ही वैक्सीनेशन करवाई है।
एक डेटा अनुसार चंडीगढ़ में 45 साल से अधिक उम्र की आबादी करीब 4.5 लाख के करीब है। यानि 45 साल से ऊपर की आधी आबादी भी अब तक वैक्सीनेशन करवाने नहीं पहुंची है।
वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो पहले पहले बड़ी तेजी से सेंटरों पर 45 साल से ऊपर के लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे लेकिन अकस्मात इनकी तादाद में कमी आने लगी।
प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता के मुताबिक जिस रफ्तार से इस उम्र के लोगों में वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या गिरी है उससे यही लगता है कि वैक्सीन को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं।
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के पास 45 साल से ऊपर के लोगों को वैकसीन लगाने के लिए उचित स्टॉक है लेकिन बावजूद इसके लोगों का न आना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि 18 साल से 45 साल के लोगों में वैैक्सीन को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा हैं। वे रजिस्ट्रेशन कराकर अपने स्लॉट वैक्सीन लगवाने को बुक करा रहा है।
आप को बता दें कि पहले चरण में चंडीगढ़ प्रशासन को 33 हजार वैक्सीन मिली थी। 31 मई तक 36 हजार डोज ओर मिल जानी चाहिए। जिसका भुगतान कर दिया गया हैं। एक लाख डोज में से बाकि बची डोज भी पैसा देकर जल्द खरीद ली जाएगी।
चंडीगढ़ प्रशासन कोरोना की जंग में अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में पहुंच गया है। जिस गति से राजधानी में कोरोना के मामले बढ़े, वैसा हाल चंडीगढ़ में नहीं हुआ है। यहां कोरोना मामलों में अब बड़ी तेजी से कमी देखी जा रही है। महज 250 केस रोजाना आने लगे हैं।
चंडीगढ़ में लोग कोविड प्रोटोकॉल का बढिय़ा तरीके से पालन कर रहे हैं और लॉकडाऊन या अन्य पाबंदियों में भी साथ दे रहे हैं।