किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर आज किसान काला दिवस मना रहे हैं। जिसे लेकर चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने प्रैस लाइट चौक पर अर्द नग्र होकर काली निक्कर और मुंह पर काला मास्क पहन कर प्रदर्शन किया।
वहीं पंजाब और हरियाणा में किसानों ने भी अपने घरों व वाहनों पर काले झंडे लगाए हैं। जहां तक देखा जाएं तो पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बादल स्थित निवास पर भी काला झंडा लहराता नजर आ रहा है। गांव बादल में कार्यकर्ताओं द्वारा जहां घरों की छतों पर काले झंडे लहराए गए। काले झंडे के साथ ही केसरी खालसाई झंडा भी लहराता नजर आ रहा
वहीं हरियाणा में सिरसा में किसान चौक में किसानों ने पीएम का पुतला फूंका। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि किसानों की मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। वहीं काला दिवस मनाने के लिए काफी किसान दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुंचे। हालांकि, 26 मई को भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव बुद्ध पूर्णिमा भी पड़ता है, लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन सभी धरनास्थलों पर अपने-अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाने का फैसला किया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि हमने 26 मई को मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया गया है और लोग अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करेंगे।
क्या दिल्ली की सीमाओं पर इक_ा होंगे या दिल्ली के अंदर भी जाने का प्रयास होगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने बताया कि जो व्यक्ति जहां है वो वहीं रहेगा, कोरोना नियमों का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के अनुसार, इस मुहिम का देश के ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन खुलकर समर्थन कर रहे हैं। तीन नए अधिनियम खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।