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पंचकूला में अब लोगों को नहीं घुमा सकेंगे अफसर, 1 सितंबर से हरियाणा में लागू होगा सेवा अधिकार कानून

पंचकूला के साथ साथ हरियाणा में 1 सितंबर से सेवा का अधिकार कानून में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सोमवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पूर्व सरकारों में भौतिक विकास हुआ लेकिन ई गवर्नेंस विकास पर जोर नहीं दिया हैं।

हमने हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर पर भी जोर दिया। अब सेवा का अधिकार कानून और पारदर्शी होगा। एक सितंबर से ऑटो अपील पोर्टल भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद अधिकारियों को छोटा-बड़ा काम तय समय में करना होगा। लोगों को अफसर अब घुमा नहीं सकेंगे। इससे काम करने के लिए जिम्मेवार अफसर लोगों को घुमा नहीं सकेंगे। अफसर लापरवाही छोडक़र पूरे जिम्मेदारी के साथ अपनी जिम्मेवारी निभाएंगे।

सरकार ने 2500 दिनों में पेपरलेस, फेसलेस और ट्रांसपेरेसी सुनिश्चित करने के लिए भ्रष्टाचार रहित शासन देने का पूरा प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि अगर भ्रष्टाचार के खात्मे में कोई कमी रह गई तो अगली सरकार के पांच साल में समूल नाश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसना और योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां देना दो सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं। हमने राइट टू करप्शन की जगह राइट टू सर्विस लागू किया है। 26 अक्टूबर 2014 को जब भाजपा सत्ता में आई थी, उस समय प्रदेश में भ्रष्टाचार और परिवारवाद व भाई-भतीजावाद का बोलबाला था और सरकारी संपत्ति की लूट होती थी।

उस समय ऐसा लगता था कि भ्रष्टाचार का अधिकार है, जिसको हमने सेवा के अधिकार से बदलकर क्रांतिकारी सुधार किए हैं।