चंडीगढ़ में बिजली की सप्लाई बुधवार रात 10 बजे तक फिर से शुरू हो जाएगी। यह एफिडेविट बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ इंजीनियर ने दिया । इस एफिडेविट में कहा गया कि शहर के 80% हिस्से में बिजली सप्लाई चालू हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में कर्मचारी यूनियन को भी फटकार लगाई है। उनसे कहा गया है कि जब निजीकरण का मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग है तो वह हड़ताल पर क्यों गए? यह तो सीधे तौर पर क्रिमिनल कंटेंप्ट का मामला बनता है। इस मामले की कल फिर सुनवाई होगी।
PGI में अलर्ट मोड़ शुरू
शहर में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बिजली सेवाएं बंद पड़ी हैं। वहीं सरकारी होस्पिअल में सर्जरियां टाली जा चुकी हैं । साथ ही PGI भी अलर्ट मोड पर चला गया है ताकि कोई इमरजेंसी के हालात पैदा न हों। आधे से ज्यादा शहर में लोगों के मोबाइल, लैपटॉप, फ्रिज, टीवी, इनवर्टर आदि सब बंद पड़े हैं।
रोशनी के लिए सेना से मदद मांगी
प्रशासन ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES), वेस्टर्न कमांड, चंडी मंदिर से मदद मांगी है। वहीं पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भी सहयोग मांगा जा रहा है। इससे पहले हाईकोर्ट में प्रशासन ने कहा था कि पंजाब ने डेपुटेशन पर कर्मी भेजने में असमर्थता जताई थी।
चंडीगढ़ स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ सुमन सिंह ने कहा: “हमारे पास जनरेटर की तरह एक बैकअप योजना है, लेकिन आप एक जनरेटर पर अस्पताल का 100 प्रतिशत भार नहीं डाल सकते हैं। इसलिए, हमें अपनी सर्जरी को स्थगित करना पड़ा।”
यूनियन को मिल रहा है अन्य विभागों का समर्थन
विभाग के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं । इससे पहले मंगलवार को परेड ग्रांउड सेक्टर 17 के सामने पॉवरमैन यूनियन के प्रदर्शन में कांग्रेस और आप के नेताओं ने आकर इसे बड़ा रूप दे दिया था। प्रशासन और कर्मचारियों की इस लड़ाई में नियमित रुप से बिजली के बिलों का भुगतान करने वाले शहरवासियों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।