- 200 इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स ने की कड़ी मेहनत
चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल ने शहर की बिजली व्यवस्था को बिगाड़ दिया था । ऐसे में बिजली संकट से निपटने के लिए प्रशाशन ने सेना के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स की हेल्प ली । सेना के 200 इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों ने रातों रात अलग-अलग सब स्टेशन पर कमान संभाली । काटी हुई तारो को ठीक करने से लेकर बिजली की वापिस सप्प्लाई को शुरू करने का कार्य सेना ने बड़ी तेज़ी से पूर्ण किया। सेना का कहना है कि जब तक प्रशासन और बिजली कर्मचारियों में सामान्य हालात नहीं होते, सेना के इंजीनियर स्टेशनों पर रहेंगे।
सब स्टेशन पर रहेंगे सेना इंजीनियर
सेना का कहना है कि जब तक प्रशासन और बिजली कर्मचारियों में सामान्य हालात नहीं होते, सेना के इंजीनियर स्टेशनों पर रहेंगे। सेना के करीब 100 जवान अलग अलग स्थानों पर तैनात हैं। आपरेशन में सीनियर इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार, संजय भाटिया, एम ए दास आदि इंजीनियर शामिल रहे।
आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नव के खंडूरी के निर्देश के बाद इंजीनियरों ने मोर्चा संभाला। जवानों ने अंधेरे को हराने के लिए पूरी ताकत झोंकी, इसी का नतीजा है कि रातभर में ही सभी फाल्ट को तलाशकर उनको ठीक किया गया। हालात सामान्य होने तक सेना के जवान सब स्टेशनों पर तैनात रहेंगे। -कर्नल जसदीप संधु, एडवाइजर कम प्रिसिंपल डायरेक्टर, सिविल मिलिट्री अफेयर।
सेना ने दूर किया चंडीगढ़ का अँधेरा
चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और पश्चिमी कमान के कमांडर नव के खंडूरी के साथ बातचीत के बाद सेना मैदान में उतरी। पूरे ऑपरेशन की कमान चीफ इंजीनियर कमांड मेजर जनरल पीएस चड्ढा और सिविल मिलिट्री अफेयर्स के एडवाइजर कम प्रिंसिपल डायरेक्टर कर्नल जसदीप सिंह संधु ने संभाली।
चंडीगढ़ प्रशासन के साथ बैठक के बाद सेना के जवान 8 बजे अलग अलग स्टेशन पर तैनात किए गए। अंधेरा होने के कारण सबसे अधिक दिक्कत सेक्टर 56, 52 और 43 स्थित 66 केवीए के सब स्टेशनों में थी। जब यहां पर फाल्ट नहीं मिले तो दिल्ली से 25 बिजली इंजीनियरों की टीम को बुलाया गया। इसी प्रकार, अंबाला, पटियाला और लुधियाना से भी 65 इंजीनियरों का बुलाया गया। साथ ही चंडी मंदिर मुख्यालय से जनरेटर मंगाए गए।