चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने ऑटोमेटिड स्टेयरिंग वाली इलेक्ट्रॉनिक कार बनाने में सफलता हासिल कर ली है । इसमें स्टेयरिंग के पास ही लोकेशन सेट होगी । बड़े कैंपस ओर टैक्सी सर्विस को ध्यान में रखकर इस कार पर काम शुरू किया गया था ।इसकी शुरूवात करने वाले बैच के स्टूडेंट्स दो साल पहले पास हो चुके हैं , लेकिन उनके जूनियर्स इस पर काम करते रहे और अब सीयू के स्टूडेंट्स ने इसे सोलर एनर्जी से चलने वाला भी बना दिया है ।
सीयू के मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की नोमाद कार के लिए उन्हें अलग अलग तक्कनलोग क लिए करीब छह पेटेंट फाइल किये हैं । टीम मेंबर सरबसुख सूर्य का कहना है कि बीटेक मेजर प्रोजेक्ट के लिए इस पर काम शुरू किया । बाद में भो सीलग जुड़ते गए और आईडिया बढ़ते बढ़ते इस स्तर तक पहुंच गया ।
गाड़ी बनाने में 3 .80 लाख रूपये हुए खर्च – टीम लीडर
- गाड़ी के लिए पायथन में 200 से अधिक प्रारमिंग कोड विकसित किए। कार में 360 डिग्री सेन्सस के कैमरे लगे हैं। इस पर अब तक 3 .80 रूपये का खर्च हुआ है ।
- एक छोटी कार ली जिसका इंजन निकलकर उसमें मोटर फिट कि और फिर अलग अलग सेंसर लगाए।
- कार में इलेक्ट्रिक कार राडार लिडार ,सोनार सिस्टम, जीपीएस ,ऑटोमेट्री अदि सेंसर लगाए हैं >
- ओपन एरिया में 4 घंटे तक पार्क करने पर इसकी बैटरियां अपने आप ही चार्ज हो जाएंगी
कैंपस में हुआ ट्रायल
वैसे तो कार का ट्रायल कैंपस में हो चूका है। मशीन लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के कारण कार जरूरत अनुसार डिसिशन ले सकती है । कार में 15 इंच स्क्रीन के अलावा हेडलाइट ,खिड़की अदि के लिए भी टच बटन है । ट्रायल के समय कार भीड़भाड़ वाली सड़कों और गफ्फों या खुदाई वाली जगह पर भी कामयाब रही है । फ़िलहाल कार को केवल कैंपस में ही चलाया गया हैं क्योंकि भारत में ड्रिवेरलेस कार कि परमिशन नहीं है ।