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यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते भारतीय गेहूं का बढ़ेगा एक्सपोर्ट

यूक्रेन और रूस की जंग के चलते भारत के गेहू एक्सपोर्ट में तेज़ी आ सकती है ,क्यूंकि यह दोनों देश दुनिया के बड़े गेहूं एक्सपोर्टर्स हैं ।गेंहू के निर्यात मामले में रूस दुनिया में पहले नंबर पर और यूक्रेन पांचवे नंबर पर है ।इस साल यूक्रेन की एक्सपोर्टर्स में तीसरे नंबर पर रहने की संभावना थी ।किन यूक्रेन की सेना ने अपने पोर्ट पर कॉमर्शियल शिपिंग को सस्पेंड कर दिया है, जिससे ग्रेन और ऑयल सीड एक्सपोर्ट प्रभावित होना तय है। ऐसे में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी दुनिया में गेहूं का टॉप सप्लायर बन सकता है।

भारत के पास गेहूं का बड़ा भंडार

ओलम एग्रो इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट नितिन गुप्ता ने रॉयटर्स को बताया कि ब्लैक सी बेल्ट दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं सप्लायर है, लेकिन मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए, डिमांड भारत में शिफ्ट हो जाएगी। इसके अलावा, वर्ल्ड मार्केट में गेहूं की उपलब्धता वैसे भी अप्रैल-मई तक सीमित रहती है, और भारत आसानी से इस मौके का फायदा उठा सकता है।

पहली बार भारत के गेहूं के लिए इतनी इन्क्वायरी

ट्रेडर्स ने कहा कि भारत ने साल 2021 में 61.2 लाख टन गेहूं एक्सपोर्ट किया था। अब 2022 के फर्स्ट हाफ में 40 लाख टन अनाज बेचने की संभावना है। एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म के प्रमुख ने कहा, ‘कई सालों में पहली बार भारत के गेहूं के लिए इतनी इन्क्वायरी आई है।’

इंडियन सप्लायर्स 305 डॉलर से 310 डॉलर प्रति टन में गेहूं का एक्सपोर्ट कर रहे थे। इस बार उन्हें 330 डॉलर प्रति टन का रेट मिल सकता है। बांग्लादेश, फिलीपींस, साउथ कोरिया, श्रीलंका और UAE भारतीय गेहूं के मुख्य खरीदारों में से हैं, लेकिन लेबनान जैसे नए खरीदार भी भारत की ओर रुख कर सकते हैं।