चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को मलोया में अवैध निर्माण के मकानों को गिराने की कार्यवाही करी । दो मकान गिरते ही वहां रहने वाले लोग आग बबूले होते नजर आए । प्रशाशन की इस कार्यवाही का स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया ।
रिज़र्व फोर्स भी रही चुप
स्थानीय लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था की वह पर मौजूद स्थानीय थाना क्षेत्र के अलावा रिजर्व फोर्स भी चुप रही। इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय नेता भी शामिल हुए । भाजपा के एक बड़े नेता ने प्रशासन से इस कार्रवाई को लेकर बात की । इसके बाद फिलहाल यह कार्रवाई टाल दी गई है । सूत्रों के मुताबिक डड्डूमाजरा में भी लाल डोरे के बाहर बने ढांचों को भी गिराने की कार्रवाई होगी ।
प्रदर्शन में शामिल हुए कई नेता
स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए मलोया बस स्टैंड का रास्ता भी जाम कर दिया था । एसडीएम दफ्तर जाने के बाद लोगों ने एसडीएम के तबादले की मांग की । मलोया में रहने वाले जसबीर सिंह सैणी ने कहा कि यहां बने घर कई साल पुराने हैं । एसडीएम (साउथ) रुपेश कुमार के आदेशों पर यह कार्रवाई शुरु की गई थी । यहां पर सभी पार्टियों के बड़े नेता पहुंचे थे । इनमें संजय टंडन, प्रदीप छाबड़ा, रामबीर भट्टी आदि कई नेता शामिल थे । कई पार्षद भी यहां प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में पहुंचे हुए थे।
डड्डूमाजरा में भी तोड़ने थे ढांचे
प्रशाशन ने लाल डोरे के बाहर 200 ढांचों को तोड़ने के आदेश जारी किये थे । मलोया में कई लोगों ने गांय-भैंसों और ट्रैक्टर-ट्रालियां रखी हुई हैं । उनका कहना है कि उनके रहने के लिए जमीन कम पड़ रही है । ऐसे में लाल डोरे के बाहर जमीन पर निर्माण किए गए थे । लोगों ने कहा कि जब तक उनकी जमीन को अधिग्रहीत नहीं किया जाता तब तक उनके ढांचे न गिराए जाए।