बुधवार को प्रशासन ने पानी के रेट की नई अधिसूचना जारी कर दी है जो कि एक अप्रैल से लागू होगी। ऐसे में अब शहर के हर घर पर 20 रुपये वाटर सेस लगा दिया गया है। जो कि शहर की ग्रीन बेल्ट्स और पार्कों के रखरखाव के लिए लगाया गया है। शहर में डेढ़ लाख पानी के कनेक्शन हैं। उनसे यह सेस भी लिया जाएगा।
चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले से जारी अधिसूचना के मुकाबले में सिर्फ दो स्लैब में पानी के रेट में राहत दी है। जबकि अन्य सभी कमर्शियल और ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में पुरानी अधिसूचना के अनुसार ही रेट लागू होंगे। जो दो स्लैब में राहत भी दी है उसके बदले हर साल 5 फीसद रेट बढ़ाने का फैसला ले लिया है जबकि साल 2019 में जारी अधिसूचना के अनुसार हर साल 3 फीसद पानी के रेट बढ़ना तय हैं।
60 किलोलीटर से ज्यादा पानी का प्रयोग करने वालों का बढ़ा तीन गुना बोझ
इस समय सबसे ज्यादा बोझ उन परिवारों पर बढ़ गया है जिनके यहां पर 60 किलोलीटर से ज्यादा पानी की खपत होती है। ऐसे परिवार वालों से पहले आठ रुपये प्रति किलोलीटर के हिसाब से चार्ज लगता था अब इसका रेट बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किलोलीटर कर दिया गया है। ऐसे में अब पानी बर्बादी करने पर पांच हजार रुपये का चालान काटा जाएगा।
10 सालों से नहीं बढ़़ाए थे रेट, अभी भी 80 करोड़ रुपए का घाटा
प्रशासन ने कहा है कि पिछले 10 सालों से पानी के रेट शहर में नहीं बढ़ाए गए थे। 24 मई, 2011 के बाद अब जाकर रेट बढ़ाए गए हैं। इतने सालों में पानी की सप्लाई और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते नगर निगम को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था। पानी के रेट में बढ़ोतरी के बावजूद पानी और सीवरेज सेक्टर में निगम को 80 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान है।