चंडीगढ़ में कोरोना केसों में कमी होने पर प्रशाशन ने टेस्टिंग के लिए नई लैब को तैयार किया है । कोरोना महामारी के 2 साल बीतने के बाद अब जीएमएसएच-16 की अपनी आरटी-पीसीआर लैब को तैयार कर लिया है । जीएमएसएच-16 को मिलाकर अब शहर के 4 गवर्नमेंट हॉस्पिटल में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा हो गई है। फिलहाल इस लैब में ट्रायल चल रहे हैं।
रोजाना 200 टेस्टिंग की जा सकेगी- डॉ. सुमन सिंह
डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसेज डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए लैब बन कर तैयार हो गई है। अभी मशीन का ट्रायल चल रहा है। शुरुआती स्तर पर रोजाना 200 टेस्टिंग की जा सकेगी।
4 गवर्नमेंट हॉस्पिटल में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग उपलब्ध
कोरोना काल में हॉस्पिटल सैंपल तो कलेक्ट कर लेता था लेकिन उसकी टेस्टिंग के लिए जीएमसीएच-32 और पीजीआई पर डिपेंड रहना पड़ता था। वैसे तो इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए जीएमएसएच-16 के पास एक मशीन थी, जिससे करीब 4 घंटों में टेस्टिंग का नतीजा आ जाता था। यह मशीन व्यापक स्तर पर लिए जाने वाले सैंपल के लिए प्रयोग में नहीं लाई जाती थी।
इमरजेंसी कोविड रिस्पोंस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस (ईसीआरपी) के तहत चंडीगढ़ को इस लैब के लिए 35 लाख रुपए मिले थे। वहीं 5.6 करोड़ रुपए चंडीगढ़ को ईसीआरपी के तहत केंद्र से मिले थे। जीएमएसएच-16 को मिलाकर अब शहर के 4 गवर्नमेंट हॉस्पिटल में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा हो गई है। इनमें आईएमटेक भी शामिल है। पीजीआई में रोजाना 2500 सैंपल टेस्टिंग की क्षमता है। जीएमसीएच-32 रोजाना 1 हजार टेस्टिंग करता है।