चंडीगढ़ पीजीआई की लापरवाही के कारण एक युवक विकलांग हो गया। इस संबंध में पीजीआई के खिलाफ उत्तराखंड के रहने वाले 19 वर्षीय आयुष कलपासी ने शिकायत दी थी । चंडीगढ़ स्टेट कंस्यूमर कमीशन ने अब पीजीआई को 10.50 लाख रूपये मुआवजा भरने के आदेश दिए हैं ।
पैर की सर्जरी करवाने आया था युवक
आयुष ने बताया कि 11 अप्रैल को उसके पैर की सर्जरी से पहले पीजीआइ चंडीगढ़ में एनस्थिसिया दिया गया।सर्जरी के बाद उसे ऑब्जर्वेशन रूम में शिफ्ट किया गया । पीजीआइ कर्मचारियों द्वारा रूम में एक हीटर ऑन ही छोड़ दिया था । एनस्थिसिया की वजह से वह बेहोशी की हालत में था, तभी उसका हाथ हीटर की चपेट में आ गया।इस घटना में उसका बांया हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया । पीजीआइ में ही आयुष के हाथ का इलाज किया गया और 20 अप्रैल 2018 को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस दौरान उसे आश्वासन दिया कि बिना किसी दिक्कत के हाथ ठीक हो जाएगा ।
प्लास्टिक सर्जरी के बाद भी नहीं पड़ा फर्क
शिकायतकर्ता 15 मई, 2018 को फिर पीजीआई आया ताकि हाथ की प्लास्टिक सर्जरी हो जाए । 10 जुलाई को फिर से पीजीआई गया, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी के बाद भी हाथ में कोई फर्क नहीं दिखा । एक्स-रे में पता चला कि उसकी दो अंगुलियों के जॉइंट अलग हो गए हैं । पीजीआई के अच्छे से इलाज न करने पर वह विकलांग हो गया । हालांकि पीजीआई ने कहा था कि अप्रैल में पीजीआई में हीटर ऑन नहीं होता है। ऐसे में उसके आरोप झूठे हैं और केस रद्द किया जाए । दोनों पक्षों को सुनने के बाद कमीशन ने यह आदेश जारी किए हैं ।