Home » Videos » नगर निगम पंचकूला के खाते से हुआ करीब डेढ़ करोड़ रुपये का गबन

नगर निगम पंचकूला के खाते से हुआ करीब डेढ़ करोड़ रुपये का गबन

पंचकूला। अकाउंट नम्बर:-65270030100008519 PNB बैंक सैक्टर- 2 पंचकूला के खाते से विभिन्न RTGS के जरिये विभिन्न बैंक खातों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाये गये व इस बैंक में नगर निगम के तीन खाते है तथा जिस बैंक अकाउंट में से पैसों का गबन हुआ है वो नैशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के नाम की ग्रांट का था व इसमें भी पैसों की बंदरबांट हुई है अभी तक श्रवण कुमार के पास इस बंदरबांट का करीब 45 लाख रुपये आया है व करीब 35 लाख रुपये एक लड़के पर आया है तथा सूत्र बताते है कि इन दो के अलावा 3 अन्य भी हो सकते है।

इस बैंक खाते से अक्टूबर 2019 से इस प्रकार से रुपये निकाले जा रहे थे व करीब हर एक RTGS के द्वारा 5 से 6 लाख रुपये निकाले गए है। नगर निगम के कर्मचारियों का एक पूरा ग्रुप इस नैशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के प्रोजेक्ट पर कार्ये कर रहा था तथा इस ग़बन में बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है।

सैक्टर-5 के पुलिस स्टेशन में आरोपी श्रवण कुमार पर पुलिस ने IPC की धारा 420, 409, 468, 471, 465, 406, 120-B के तहत FIR दर्ज कर ली है। यह श्रवण कुमार सैक्टर-12-A के सामुदायिक भवन में बैठता था और वहीं रखे कंप्यूटर पर यह RTGS तैयार किया करता था। बैंक में करीब 14 करोड़ रुपये और थे जोकि एक सिंगल हस्ताक्षर द्वारा यह प्रकरण सामने आने पर निकाल लिए गए

इस ग़बन में कार्येकारी अधिकारी जरनैल के हस्ताक्षर करके रुपये निकाले गए है क्योंकि इस ग्रांट के पैसे की जो RTGS तैयार की जाती थी उस पर दो स्टैम्प तैयार की जाती थी एक तरफ़ सीनियर अकाउंट अफ़सर तथा दूसरी तरफ नगर निगम के कार्येकारी अधिकारी की स्टैम्प बनाई जाती है और जब दोनों अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर होते तभी पैसे ट्रांसफर हो सकते है।

इस ग्रांट का पैसा निजी बैंक खातों में ट्रांसफर हुआ है और जो RTGS बैंक को गई है उनमें अधिकारी में किसी करण नाम के व्यक्ति के हस्ताक्षर भी है तथा इन RTGS के मात्र एक हस्ताक्षर द्वारा ही द्वारा दीक्षा इंटरप्राइजेज व विभिन्न लोगों के सेविंग खातों में रुपये ट्रांसफर हुए है जोकि चौकाने वाले तथ्य है।

इस मामले की शिकायत नगर निगम कमिश्नर द्वारा पुलिस को दी गई है जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने FIR दर्ज की है और अभी पुलिस द्वारा जरनैल सिंह के हस्ताक्षर के नमूनों को लेकर मधुबन लेब्रोटरी में भेजा जाना है ताकि नकली असली का पता लग सके

अभी तक एक ही बैंक अकाउंट की डिटेल सामने आई है तथा अन्य बैंक खातों की डिटेल सामने आना बाकी है जिसके बाद ही सही प्रकार से कहा जा सकेगा कि असल ग़बन कितने रुपयों का हुआ है। श्रवण कुमार के बारे में विभाग द्वारा पत्र लिखकर नगर निगम पंचकूला को फरवरी 2019 तथा मार्च 2019 में अवगत किया जा चुका था। उसके बावजूद भी श्रवण कुमार को उसके पद से नही हटाया गया तथा इसकी जगह विभाग ने एक महिला कर्मचारी की भी नियुक्ति की थी और उसका नियुक्ति पत्र भी नगर निगम पंचकूला को भेजा था लेकिन तब श्रवण कुमार को नही हटाया गया उन पत्रों में साफ़ तौर पर लिखा था कि श्रवन कुमार एक हैकर है और इसनें नारनौल में टैंडर व email हैक की है तथा किसी को निजी तौर पर फ़ायदा पहुचाने का काम किया था और जब यह वहाँ पकड़ा गया तो इसकी वीडियो भी बनाई गई थी। यह तो एक घपला है अगर सही तरीके से नगर निगम के घपलों की जाँच हो तो इस प्रकार के कई घपले सामने आ जायेंगे और कई आलाधिकारियों का फंसना तय है।

यह घपला कुछ सवालों को जन्म देता है जो इस प्रकार से है:-

1. जब नगर निगम के कार्येकारी अधिकारी को श्रवण कुमार की नारनोल में की गई घपलेबाजी के बारे में जानकारी थी तो इसको इसके पद पर से क्यों नहीं हटाया गया?
2. निगम कमिश्नर ने अकेले श्रवण कुमार के खिलाफ ही शिकायत क्यों दी?
3. किस तर्ज़ पर यह तय किया गया कि कार्येकारी अधिकारी के हस्ताक्षर नकली है?
4. जब यह साफ़ हो ही गया की RTGS पर कार्येकारी अधिकारी के हस्ताक्षर है वो चाहे नकली है या असली जब तक यह साबित नही होता तब तक जरनैल सिंह को उसके पद पर रखने का क्या औचित्य है?
5. स्ट्रीट वेंडर्स के सर्वे लिस्ट में घपले की जो खबर 4 दिन पहले अखबारों में छपी थी उस स्ट्रीट वैंडर के सर्वे लिस्ट भी श्रवण कुमार के पास ही थी जोकि अभी तक सार्वजनिक नही की गई तो क्या उसमें भी श्रवण कुमार ने कोई नाम सर्वे में डालने या निकालने का कार्ये नही किया इससे इंकार किया जा सकता है?
6. किस तर्ज़ पर श्रवण कुमार के बारे में सब कुछ जानते हुए भी कार्येकारी अधिकारी द्वारा इसकी नियुक्ति वेंडर्स को जगह देने वाले कार्ये में लगाई हुई थी?
7. अभी तक नगर निगम में जो भी कार्ये श्रवण कुमार द्वारा किए गए है क्या उन सब कार्यों की जाँच नही होनी चाहिए?
8. श्रवण कुमार के बारे में सबकुछ जानते हुए भी कार्येकारी अधिकारी ने यह पत्र शायद अपने नवनियुक्त कमिश्नर से छुपाये और श्रवण कुमार के बारे में सही तथ्य अपने आलाधिकारियों के सामने ना रखने पर जरनैल सिंह को सस्पेंड नही किया जाना चाहिए?
9. जिस प्रकार से जरनैल सिंह ने श्रवण कुमार के बारे में अधिकारियों को नही बताया तो क्या यह संभव नहीं की अन्य जानकारियां भी आलाधिकारियों को ना पता हो?
10. क्या यह जाँच नहीं होनी चाहिए की अभी तक कितने हस्ताक्षर जरनैल सिंह के किन-किन RTGS पर हुए है?
11. क्या यह जाँच नही होनी चाहिए की अभी तक ऐसे कौन-कौन से कार्ये हुए है जिनकी पेमेंट की RTGS पर जरनैल सिंह के हस्ताक्षर हो कर निगम के खातों से रकम ट्रांसफर हुई है
12. आख़िर किस राजनीतिक की शह पर इतनी बड़ी गलती (श्रवण कुमार के बारे में सबकुछ जानते हुए भी) होने पर भी जरनैल सिंह अभी तक अपने पद पर बैठा हुआ है?
13. क्या यह जाँच का विषय नही है कि इस ग्रांट से और किस-किस कार्ये का पैसा दिया गया है और क्या वो इस ग्रांट के नियमों के अधीन ही दिया गया?
14. क्या डम्पिंग ग्राउंड में चल रहे चेन्डोजर व JCB की एवज़ में जो रक़म अभी तक दी गई है वो सही भी है या नही इसकी जाँच नही होनी चाहिए?
15. क्या इसकी जाँच नही होनी चाहिए की स्टेल्वन इंटरप्राइजेज को कितने रूपयों के कार्ये कोटेशन बेस पर दिए गए और क्या उन कोटेशन वर्क के विज्ञापन DULB के नियमानुसार राष्ट्रीय अखबारों में दिए गए या फिर नियमों को दरकिनार रख कर किसी साप्ताहिक अखबार में विज्ञापन दिए गए ताक़ि किसी को भी इन कोटेशन वर्क की जानकारी प्राप्त न हो स्टेल्वन एंटरप्राइजेज मनमर्ज़ी के रेट पर कार्ये करें?
16. क्या यह जाँच नही होनी चाहिए कि डिजाइनिंग के नाम पर कितने पैसे निगम के खातों से निकले है
17. फोटोग्राफी व वीडियो ग्राफी के नाम पर अभी तक कितने पैसे निगम ने दिए हैं और किस किस फ़र्म को व उनके मालिक कौन है?