<p>जिला में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने 6 बाढ़ बचाव परियोजनाओं को स्वीकृति दी थी और इस दिशा में बाढ़ से बचाने के लिए 69.92 लाख रूपये की राशि खर्च की जा रही है।</p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>यह जानकारी उपायुक्त श्री विवेक आत्रेय ने आज जिला सचिवालय में जिला लोक संपर्क एवं कष्ठ निवारण समिति के गैर सरकारी सदस्यों की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बाढ़ बचाव कार्यो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि घग्गर नदी की सहायक नदी रायपुरवाली नदी से गांव बुर्जकोटियों से रायपुर, बक्सीवाला, टिब्बी व चिकन को बाढ़ से बचाने के लिए 13.32 लाख रूपये की राशि से 256 फुट तीन स्तरीय स्टीन का निर्माण करवाया गया है और यह निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि भैरों की सैर की आबादी व मंदिर को घग्गर नदी की सहायक नदी सुखना चौंक के बचाव कार्य पर 4.15 लाख रूपये की राशि से 3.12 फुट सिंगल स्टीनिंग का निर्माण कार्य करवाय गया है और यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी प्रकार एक और घग्गर की सहायक नदी बेरवा नंदा नदी से मोंगीनंद गांव की आबादी व मंदिर को बाढ़ से बचाने के लिए 3.75 लाख रूपये की राशि से 200 फीट सिंगल स्टीन का निर्माण करवाया गया है।</p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>श्री आत्रेय ने बताया कि टांगरी नदी से रत्तेवाली गांव की आबादी के बचाव कार्य पर 24.39 लाख रूपये की राशि से डबल टियर स्टीनिंग का निर्माण किया जा रहा है जिस पर 75 प्रतिशत कार्य किया जा चुका है, शेष कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि घग्गर नदी की सहायक झाझरा नदी से रायपुर गांव की आबादी व आंगनबाडी व स्कूल को बाढ़ से बचाने के लिए 13.13 लाख रूपये की राशि 104 फीट डबल टियर स्टीनिंग व 448 फुट टियर स्टीनिंग का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य अन्तिम चरण में है। अमवाला गांव की आबादी को कोटियावाली नदी से होने वाले बाढ़ बचाव के लिए 688 फीट सिंगल टियर स्टीनिंग के काम पर 12.78 लाख रूपये की राशि खर्च की जा रही है जिसका निर्माण कार्य बरसात से पहले कर लिया जाएगा।</p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में इन नदियों से आबादी व भूमि को बाढ़ से नुकसान हुआ था। इन संभावित क्षेत्रों में बाढ़ बचाव के कार्य प्रशासन की ओर से किये गये है और इन सब बाढ़ संरक्षण का कार्य बरसात के मौसम से पहले पूर्ण कर लिया जाएगा।</p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>जिला लोक संपर्क एवं कष्ठ निवारण समिति के गैर सरकारी सदस्य श्री बी०बी० सिंघल ने बताया कि सेक्टर-1 में स्थित रैड बिशप ऊचाई पर स्थित है जबकि सेक्टर-19 लगभग 100 फुट नीचे है जिससे वर्षा का पानी तेज बहाव के साथ वहां इक्ठ्ठा हो जाता है और लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है। उन्होंने सेक्टर-9,10 में वर्षा के समय होने वाली स्थिति के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ साथ उन्होंने महेशपुर गांव की स्थिति के बारे में भी अवगत करवाया। उन्होंने सुझाव दिया कि अप्रैल माह में पहले से ही इस दिशा में शेड्यूल तैयार कर लिया जाना चाहिए। गैर सरकारी सदस्य श्री श्यामलाल बंसल ने बालदवाला में स्कूल एवं गांव के कटाव को रोकने के बारे में सुझाव दिया। इसके साथ साथ उन्होंने नाडा चौ पर भी डंगा लगाने के लिए विशेषतौर पर मांग की। रेखा शर्मा ने सेक्टर-20 व 21 में बारिश के दौरान होने वाली स्थिति के बारे में अवगत करवाया। </p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>बैठक में गैर सरकारी सदस्य अजय व अन्य सदस्यों ने भी अपने अपने क्षेत्रों में वर्षा के दौरान बिकडऩे वाली स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उपायुक्त ने सेक्टर-19 की समस्या के समाधान के लिए बताया कि प्रथम जुलाई को मौहाली के डी सी के साथ इस दिशा में बैठक आयोजित की जाएगी। संबंधित अधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्रों में किये गये बाढ़ राहत कार्यो के बारे में गैर सरकारी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी। </p><p><span class=”Apple-tab-span” style=”white-space:pre”> </span>इस मौके पर बैठक में जिला राजस्व अधिकारी श्री धीरज चहल, सिंचाई, हुडा प्राधिकरण के अधिकारियों सहित अन्य संबंधित प्रशासन अधिकारी भी उपस्थित थे।</p>
Posted on by Team PS