मोहाली के फोर्टिस अस्पताल ने 86 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव बताकर महज एक दिन में ही लाखों रूपए को बिल बनाकर प्रशासन के दावों की पोल खोली दी है। जबकि पंजाब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों की लूट को लेकर काफी सतर्कता बरतने के दावे जाता रही थी।
चंडीगढ़ में रहने वाली सुभाग कौर गुजराल के परिवारजनों ने आरोप लगाया है कि फोर्टिस अस्पताल ने कोरोना पॉजिटिव बताकर महज 29 घंटे में 1 लाख 49 हजार 673 रुपए बिल बना दिया। हैरानी की बात तो यह है कि जब मरीज के परिजनों ने फोर्टिस से मोहाली के मायो अस्पताल में रेफर करवाया तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई और महिला मरीज की हालत में भी पहले से काफी सुधार है। अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ पीडि़त परिवार ने डीसी मोहाली को लिखित शिकायत दी है।
शिकायत में बताया गया है कि चंडीगढ़ सेक्टर-22बी की रहने वाली 86 वर्षीय सुभाग कौर गुजराल को उनके दामाद रमिदर सिंह ने 21 मई को चेस्ट में संक्रमण के चलते फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया था। अस्पताल ने सुभाग कौर को कोरोना पॉजिटिव बताकर आईसीयू में भर्ती कर लिया।
रमिदर सिंह ने आरोप लगाया कि बुजुर्ग महिला को दवाइयां, स्टेरॉयड दिए गए जिससे उसकी मौत हो सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे ओवरचार्ज वसूल करते हुए उनके बिल में पीपीई किट, आईसीयू का खर्चा मिलाकर 29 घंटे का 1 लाख 49 हजार 673 रुपए बिल बना दिया गया। बिल में 68 हजार 932 रुपए डायग्नोसिस, चैस्ट एचआरसीटी 6345, सीटी के एमरजेंसी चार्ज 3510 रुपए भी जोड़े गए हैं। बिल में उनके खाने व क्लीनिकल डॉयट फीस भी साथ में शामिल की गई है। उनका आरोप है कि फोर्टिस अस्पताल कोरोना की दहशत डालकर नॉर्मल मरीजों से पैसे ऐंठने का काम कर रहा है। ऐसे अस्पताल के खिलाफ उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इस को लेकर वह मोहाली प्रशासन को शिकायत करेंगे। वहीं एसडीएम मोहाली जगदीप सहगल ने कहा कि शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
फोर्टिस अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि डीसी को भेजी शिकायत की कॉपी भेजें। इसके बाद डाक्टरों से बात करके जवाब देंगे।