द ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ में भी लड़कियों के साथ भेद भाव होना शुरू हो गया है < इसका कारण भी क्रिकेट स्टेडियम से जुड़े अधिकारी बड़ा रोचक बताते हैं। उनका कहना है कि क्रिकेट स्टेडियम में लड़कियां को कोचिग देना सुरक्षित नहीं है। यहां पर लड़कियों के साथ कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। चंडीगढ़ जैसे शिक्षित शहर में यह एकमात्र ऐसा कोचिग सेंटर हैं, जहां पर खुद वहां कोचिग देने वाले बेटियों के लिए इस जगह को असुरक्षित मानते हैं। क्रिकेट में इंटरनेशनल स्तर पर रोशन करने वाली तानिया भाटिया, हरलीन कौर चंडीगढ़ से ही निकली हैं।
स्टेडियम में सिर्फ लड़को की कोचिंग का अधिकार है
स्टेडियम में बेटियों की कोचिग पर रोक को लेकर न तो यूटी स्पोर्ट्स विभाग और न ही यूटी क्रिकेट एसोसिएशन ने कोई कार्रवाई की है। सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम में सिर्फ लड़कों को ही प्रैक्टिस और कोचिग का अधिकार है, जबकि लड़कियों को यहां पर ट्रेनिग के लिए आने वाले अभिभावकों को साफ मना कर दिया जाता है। कुछ अभिभावक सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम में बेटियों को ट्रैनिग की जानकारी लेने के लिए पहुंचे, तो वहां पर उपस्थित अधिकारियों का जवाब सुनकर वह भी हक्के-बक्के रह गए। अधिकारियों का तर्क था कि यहां पर लड़कियों की सेफ्टी नहीं है। कई बड़े अधिकारियों के लड़के यहां क्रिकेट की कोचिग लेते हैं, लड़कों की संख्या भी 300 से अधिक है। ऐसे में लड़कियों की सुरक्षा को देखते हुए यहां पर कोचिग नहीं दी जा सकती। शहर में सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम को छोड़ शायद ही कोई ऐसा स्पोर्ट्स कोचिग सेंटर हो जहां लड़कियों की एंट्री को सुरक्षा के नाम पर बंद कर दिया जाता है। महिला क्रिकेट कोच भी नहीं है.
क्रिकेट के लिए मिलती है करोड़ों की ग्रांट
यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिल चुकी है। हर साल क्रिकेट के लिए करोड़ों की ग्रांट मिलती है, लेकिन शहर में बेटियों को क्रिकेट की कोचिग के लिए कोई भी कोच नहीं है। सेक्टर-26 सरकारी स्कूल के अलावा सेक्टर-32 और सेक्टर-24 स्कूल में कोचिग दी जाती है। सेक्टर-26 स्थित एकेडमी में इस समय करीब 40 लड़कियां क्रिकेट की कोचिग ले रही हैं। यहां पर भी यूटी प्रशासन के कोच ट्रेनिग देते हैं