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फर्जी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स बनाते हुए पकड़ा गया यह शक्श

चंडीगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल की टीम ने फर्जी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRP) के मामले में एक आरोपी को पकड़ा है। आरोपी सेक्टर 38 की मोटर मार्केट में काम करने वाला तुषार है, जिससे करीब 40 जाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स मिली हैं। बता दें कि अकसर इस तरह की फर्जी नंबर प्लेट्स का इस्तेमाल आपराधिक तत्वों द्वारा किया जाता है, जिनमें गैंगस्टर भी शामिल होते हैं।

डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर नरिंद्र पटियाल ने दावा किया कि आरोपी हजार से ज्यादा फर्जी नंबर प्लेट्स तैयार कर चुका है। कई लोगों ने उससे फर्जी नंबर प्लेट बनवाई। यह दिखने में बिल्कुल असली लगती हैं। आरोपी दिल्ली से इन फर्जी नंबर प्लेट्स को लेकर आता था और इस पर होलोग्राम लगाकर इसे बिल्कुल असली जैसा बना दिया जाता था, कोई जान नहीं ही सके कि नकली हैं।

1 साल से कर रहा था फर्जीवाड़ा

नरिंद्र पटियाल ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि तुषार नामक व्यक्ति वर्ष 2002 से सेक्टर 38(वेस्ट) के बूथ नंबर 189 में गाड़ियों की नंबर प्लेटों को बनाने का काम करता है। हालांकि वह पिछले 1 साल से फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बना रहा था। पुलिस को सूत्रों से चौंकाने वाली जानकारी मिली कि तुषार फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बना रहा है। इसके लिए बाकायदा उसने डाई रखी हुई है। वह दिल्ली से नकली होलोमार्क आदि लाकर यह फर्जी प्लेट्स बना रहा था। उसके बूथ पर रेड के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों की नंबर प्लेट्स बरामद हुईं। वहीं जब उसकी गिरफ्तारी की गई तो उस दौरान भी वह चंडीगढ़ नंबर की एक फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बना रहा था।

प्रशासन ने कोई ठेका नहीं दिया हुआ था

पुलिस ने चंडीगढ़ प्रशासन और एसडीएम को मामले की जानकारी दी तो पता चला कि ऐसा कोई भी निजी ठेकेदार नहीं है, जिसे सरकार ने ऐसे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बनाने का ठेका दिया हो। इंस्पेक्टर नरिंद्र पटियाल ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि एक-दो और मोटर मार्केट में इस तरह का गोरखधंधा चल रहा है। उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

हजार रुपए से लेकर 2 हजार तक करता था वसूली

पुलिस ने बताया कि तुषार पिछले लगभग 1 साल से नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बना रहा था। वह हजारों की संख्या में ऐसी नंबर प्लेट्स बना चुका है। 35 से 40 नंबर प्लेट्स बरामद हुई हैं। आरोपी शहरवासियों से फर्जी नंबर प्लेट लगाने का हजार से 1200 रुपए तक लेता था। वहीं अन्य राज्यों के लोगों से 1500 से 2 हजार रुपए के लगभग वसूलता था।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी अन्य राज्यों के नंबरों की हाई सिक्योरिटी प्लेट्स फोन पर डील करके तैयार कर देता था। हालांकि गाड़ियों को उसके पास आना होता था, क्योंकि बिना पंचिंग मशीन के यह प्लेट गाड़ी पर नहीं लगती। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

यह प्रक्रिया अपनाएं

इंस्पेक्टर नरिंद्र पटियाल ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अपनी गाड़ी पर लगवाना देशभर में अनिवार्य हो चुका है। संबंधित व्यक्ति को एसडीएम दफ्तर जाकर उसके लिए अप्लाई करना पड़ता है, जिसके बाद व्यक्ति को समय दिया जाता है। प्रशासन ने जिन्हें हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए ठेका दिया है, वह एसडीएम दफ्तर के बाहर ही नंबर प्लेट लगाता है। बकायदा व्यक्ति की फोटो खींची जाती है। इसमें लगभग 300 से 350 रुपए तक का खर्च आता है।

चंडीगढ पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि इस प्रकार को व्यक्ति जाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स बनाकर लगा रहे हैं उनसे बचें। किसी मैकेनिक या बूथ से लगवाई ऐसी नकली नंबर प्लेट्स लगा गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स पर लगा होलोमार्क जल्द उतर जाता है जबकि असली होलोमार्क इतनी आसानी से नहीं उतरता।