- मैं हूं और मैं रहूंगा- वर्ल्ड कैंसर डे, बताइयें ऐसे लोगों की इंस्पायर्ड स्टोरी
कैंसर को हराया जा सकता है। कैंसर के बाद भी जीवन आराम से जीया जा सकता है। बस हौसलों और अपनों का साथ बहुत जरूरी है । ट्राईसिटी सहित आसपास के राज्य में कैंसर के कई ऐसे मरीज हैं जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति से इस बीमारी पर विजय पाई है। दरअसल, कैंसर को हराने में एक-दूसरे का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण रहा है। जिन्होंने कैंसर को हराया वे अब दूसरों लोगों को जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
बीमारों की सेवा में जुटे हैं। विश्व कैंसर दिवस पर हर साल 4 फरवरी को वल्र्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इस साल के लिए विश्व कैंसर दिवस का विषय रखा गया है मैं हूं और मैं रहूंगा। जिसका मतलब है कि हर किसी में क्षमता है कि वह कैंसर से लड़ सकता है। पीजीआई के रेडियोथैरेपी डिपार्टमेंट के रीजनल कैंसर सेंटर ने कोविड-19 के दौरान बेहतरीन कार्य किया हैं। इस डिपार्टमेंट की ओपीडी पूरे कोरोना काल में चली। रीजनल कैंसर सेंटर में कोविड के दौरान भी हजारों मरीजों को इलाज किया है।
आंकडों के मुताबिक अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच पीजीआइ में कैंसर के कुल 20,525 कैंसर मरीजों का इलाज किया।