चंडीगढ़ के कोविड वार्ड में मरीज और डॉक्टर अब स्मार्ट फोन साथ नहीं रख सकते है। बुधवार को जीएमसीएच-32 (GMCH-32 )के अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद कोविड मैनेजमेंट इंचार्ज आईएएस यशपाल गर्ग ने बात कही है।
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उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज को अपने परिजनों को देखना होगा, तो उसके लिए अस्पताल प्रबंधन विशेष टैबलेट देगा। हालांकि, मरीजों को बटन वाले मोबाइल फोन रखने की छूट मिली है।
मीटिंग में अस्पताल में खराब वेंटिलेटर का मुद्दा भी उठा। जिस पर जीएमसीएच-32 के डॉ. पलटा ने बताया कि 6 वेंटिलेटर को तो ठीक करवा दिया गया है। लेकिन दो वेंटिलेटर के लिए सामान नहीं मिल रहा हैं, हालांकि उन्हें भी अगले कुछ दिनों में ठीक करा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अस्पताल के वेंटिलेटर में फ्लो सेंसर की जरूरत है और एक सेंसर की कीमत तककरीबन 800 रुपये है। वेंटिलेटर की मरीजों को बेहद जरूरत है। लिहाजा, फैसला लिया गया है कि तुरंत प्रभाव से स्थानीय मार्केट से 50 सेंसर खरीदे जाएंगे।
मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि कोविड वार्ड में मरीजों के तीमारदारों व रिश्तेदारों के इस वार्ड में आने की पाबंदी रहेंगी।
वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल का फैंसला सही हैं। इससे रिश्तेदारों को भी संक्रमण से बचाया जा सकता है। हालांकि, अगर मरीज दिव्यांग है तो अस्पताल के निदेशक व एमएस की परमिशन के बाद रिश्तेदार को अनुमति दी जा सकती है।
यशपाल गर्ग की ओर से कहा गया कि अस्पताल की ओर से जो भी अटेंडेंट कोविड वार्ड में मौजूद रहेंगे, उन्हें कोविड मरीजों की हर संभव देखभाल करनी होगी।