जिस पेड़ के गिरने से यह हादसा हुआ है उसे हैरिटेज ट्री का दर्जा हासिल था। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि स्कूल जैसी जगह पर ऐसे हैरिटेज पेड़ का क्या काम।
हैरिटेज पेड़ कभी तो पुराना होकर गिरना ही था। प्रशासन को उसका हैरिटेज ट्री लव क्या बच्चों की जान से ज्यादा प्यारा था। इतने पुराने पेड़ को यहां से कटवाने या इसकी छंटनी करवाने के बारे में क्यों नहीं सोचा गया?
मैं 250 साल पुराना हूं और बच्चों से बड़ा प्यार है
‘इस पेड़ के बारे में लिखा गया है कि मैं 250 साल पुराना हूं, मगर अब भी काफी जवान और तरो-ताजा महसूस करता हूं क्योंकि मैं बच्चों से घिरा रहता हूं। इस स्कूल की बिल्डिंग मेरे सामने बनी थी। मैं बच्चों को बहुत प्यार करता हूं और लगता है वे भी मुझे बहुत प्यार करते हैं। मैं पीपल के नाम से जाना जाता हूं और मेरा वैज्ञानिक नाम फाइकस रिलिजियोसा है।
मैं 70 फीट ऊंचा हूं और मेरे पत्ते दिल के आकार के हैं। बच्चे मेरे पत्तों की नसों के पैटर्न का इस्तेमाल कर सुंदर कार्ड बनाते हैं। कई मौकों पर बच्चे मेरे 33 फीट के मोटे पेट (तने) को डेकोरेट करते हैं। वे मेरे सेक्टर 9 ए स्थित हैरिटेज पेड़ भाइयों से भी मिलते हैं और हेलो बोलते हैं। मेरे परिवार की टेक्निकल जानकारी के लिए QR कोड पर स्कैन करें।’