शहर के विकास को लेकर आए दिन एमएलए, मेयर और पार्षदों के बीच तनातनी चल रही है। नगर निगम को बने चार साल हो चुके हैं विकास की बात छोड़ो हर ओर राजनीति का बोलबाला है। जनता रोजाना अपने कार्यों को लेकर परेशान है तथा अपने आप को ठगा महसूस कर रही है।
वरिष्ठ नेता राकेश सोंधी का कहना है कि तीन साल बीजेपी सरकार को बने हो गए हैं मगर आज तक शहर, गांवों का विकास जीरो है। शहर में आए दिन सेक्टरों में नई एनक्रोचमेंट हो रही है शहर में 2200 रेहडिय़ां लगती थी पर इस सरकार के कार्यकाल में 4500 रेहडिय़ां लग चुकी है। मैं विधयाक जी से पूछना चाहता हूं कि चुनाव से पहले एनक्रोचमेंट को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते थे। अब शहर में इतनी रेहडिय़ां लग रही है उसपर एमएलए का कोई भी ब्यान नहीं आता है। ये लोग बाते करते हैं स्मार्ट सिटी बनाने की। 211 नंबर लेकर विधायक की पोल खुल गई है। सोंधी का कहना है आए दिन फोटो तो खिंचवाई जाती है मगर शहर की तरफ कोई तव्वजो नहीं दी जा रही। आए दिन मंत्रियों की आवभगत में लगा दिया जाता है।
उधर सिटीजन वेलफेयर के प्रधान एसके नैयर का कहना है कि इस वक्त शहर की बहुत दुर्दशा हो चुकी है। सभी लोग अपनी कुर्सी को बचाने में लगे हुए हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने पर तुले हुए है और बड़े स्तर पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। बीजेपी सरकार सोची समझी साजिस के तहत विकास की गति को रोक चुकी है। जब भी कोई मीटिंग का समय आता है तो उसके शुरू होने से पहले ब्यानबाजी कर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ दिए जाते है कि मेयर काम नहीं करने देती। कुल मिलकर आज शहर का नाम ट्राईसिटी में बदनाम हो चूका है और विकास जीरो हो चूका है। सेक्टर-15 पंचकूला रेजीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुनील वश्ष्ठि का कहना है कि वार्ड 9 के पार्षद सीबी गोयल के घर पर नगर निगम की मीटिंग के ठीक पहले भाजपा पार्षदों की मीटिंग हुई थी। इसका मतलब यह हुआ कि बीजेपी पार्षदों ने मीटिंग के बायकाट का मन बना मीटिंग को फेल करने की साजिश रची थी। इससे साफ़ जाहिर है कि ये लोग शहर का विकास नहीं चाहते और अपनी लीडरी चमकाने पर जोर दिया जा रहा है। कुल मिलाकर अब शहर का विकास जीरो हो चूका है।
उधर मेयर का कहना है कि एमएलए सही मायने में शहर का विकास चाहते ही नहीं। बस दो लाइने ंकहकर अपना पीछा छुड़ा लेते हैं कि मेयर काम में रोड़ा अटकाती है। वास्तव में एमएलए लोगों को गुमराह कर रहे हैं और आज तक शहर के विकास में में इनकी रुचि ही नहीं रही। बस आए दिन मंत्रियों की आवभगत में ही इनका समय निकल जाता है। शहर के विकास को लेकर इनके पास समय ही नहीं है।
उधर नगर सुधार सभा पंचकूला के चेयरमैन तरसेम गर्ग का कहना है कि एमएलए, मेयर,पार्षदों और ऑफिसरों की लड़ाई में शहर का विकास राजनीति की भेंट चढ़ चुका है। मैं विधायक से सीधा सवाल कर रहा हूं कि नगर निगम के बाहर जो काम शहर के विकास के किए जाने थे उनमें से वह कोई एक काम को गिना दें कि उन्होंने शहर की जनता के लिए यह काम कराया है। बस आज तक उन कार्यों का उद्घाटन ही हुआ है जो कि कांग्रेस सरकार के अधूरे काम चल रहे थे। मैं पूछना चाहता हूं कि सेक्टर-19 के अंडरपास का बनाना, सेक्टर 19 की सीवरेज की निकासी को लेकर क्या हुआ, एचएमटी की समस्या को लेकर क्या किया गया, सेक्टर 25 डम्पिंग ग्राउंड के शिफ्ट को लेकर क्या हुआ, पंचकूला रेलवे स्टेशन की तरफ से विकास को लेकर क्या हुआ, मेडिकल कॉलेज को लेकर बड़ी बड़ी बातें हुई थी उस प्रोजेक्ट का क्या हुआ। गर्ग का कहना है कि विधायक जी सही मायने में विकास को भूल चुके हैं जो आपने जनता से बड़े बड़े वायदे किए थे जनता उसका जबाब मांग रही है। आने वाले समय में जनता इसका जबाब देगी।
्रउधर रोड सेफ्टी संस्था के प्रधान सुभाष कपूर का कहना है कि बीजेपी ने शहर को कूड़े के ढेर पर लाकर खड़ा कर दिया है। कोई भी काम नहीं करने देती और दूसरों पर दोष मड रहे है मीटिंग में आप उपस्थित नहीं हो रहे हंै। अगर विकास नहीं होने देना चाहते इससे अच्छा तो म्युनिसिपल कारपोरेशन को भंग कर दें। सेक्टर 7 के संजीव कपूर का कहना है इस वक्त हमारे सेक्टर का बहुत बुरा हाल है। सफाई से लेकर रोड गलियों की खस्ता हालत है। इनका कहना है कि जब की शहर में बीजेपी सरकार आई है शहर की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है हमें एमसी दफ्तर के दस-दस चकर अपने काम के लिए लगाने पड़ते हैं ज्यादातर ऑफिसर ही नहीं मिलते। किसको शिकायत दें।
उधर सेक्टर 12 ए के निवासी आर के जिंदल का कहना है कि सेक्टर में हर रोज कोई न कोई समस्या रहती है सब नेता अपनी-अपनी ढपली बजा रहे हैं। किसी को विकास की चिंता ही नहीं इससे अच्छा तो एमसी को भंग कर दिया जाए और नए सिरे से चुनाव करा दिए जाए ताकि जनता शहर में अच्छे काम करने वालों को चुने।
जबकि मेवा सिंह पातड़ का कहना है कि नगर निगम में पार्षद चाहे किसी भी पार्टी से जीतकर आया हो लेकिन उसे निष्पक्ष रूप से केवल जनता के विकास की बात करनी चाहिए न कि वह अपनी ढपली अपना राग बजाता रहे। अर्थात सभी को राजनीति छोड़कर शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए। निगम में जनता के काम बगैर किसी भेदभाव के प्राथमिकता पर होने चाहिए।