कई बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के मामलों में वांछित भारतीय कारोबारी विजय माल्या प्रत्यर्पण संबंधी मामले में मंगलवार को ब्रिटेन की एक अदालत में पेश हुए। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें 4 दिसंबर तक के लिए जमानत दे दी। इस मौके पर माल्य ने कहा कि इस मामले में अपना पक्ष साबित करने के लिए उनके पास ‘पर्याप्त सुबूत’ हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक 61 वर्षीय माल्या मंगलवार को वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुए। मामले की सुनवाई के बाद चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अर्बुथनाट ने माल्या को 4 दिसंबर तक के लिए जमानत दे दी।
मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी। माल्या ने अदालत के बादर मीडिया से कहा, ‘मैं किसी भी अदालत से भाग नहीं रहा हूं। मेरे पास अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं।’ माल्या ने कहा, ‘मैं मीडिया में इसलिए बयान नहीं देता क्योंकि उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। मेरे पास पर्याप्त सुबूत हैं। मैं एक क्रिकेट मैच के दौरान भारत का समर्थन करने पहुंचा तो मीडिया ने उन्माद पैदा कर दिया। ऐसे में बेहतर है कि मैं कुछ भी न बोलूं।’
ब्रिटेन क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने इस मामले में भारतीय अधिकारियों की ओर से पैरवी की। सीपीएस ने सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से पिछले महीने लंदन में मुलाकात कर मामले की जानकारी ली थी।
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सीपीएस की टीम इस मामले में ईडी और सीबीआई के ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावजों के आधार पर पैरवी कर रही है। मंगलवार को माल्या के मामले में हुई सुनवाई के लिए सीबीआई के एक अधिकारी भी नई दिल्ली से लंदन पहुंचे थे।
गौरतलब है कि माल्या ने बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया है। इस मामले में वह भारत में वांछित हैं। वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं। 18 अप्रैल को प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने उन्हें गिरफ्तार किया था।