पंचकूला के सेक्टर 20 के पीछे पीरमुछल्ला में गंदा पानी की आपूर्ति से फैले डायरिया से करीब 100 लोग चपेट में आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेशंट्स को पंचकूला के सिविल अस्पताल, चंडीगढ़ जीएमसीएच और पीजीआई में दाखिल करवाया गया है।
वहीं हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम सर्वे में जुटी है। लोकल रैजिडेंट के हवाले से बताया जा रहा है कि पीरमुछल्ला एरिया में तीन दिन से लोग उल्टी-दस्त की बीमारी को लेकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। लोगों ने बताया कि पंचकूला के सेक्टर-21 की तरफ से लगातार सीवर मिला गंदा पानी पीरमुछल्ला की तरफ छोड़ा जाता है। यह पानी जगह-जगह इक्टठा होता जा रहता है, यहां पीने वाले पानी के पाइप लाइन में लीकेज की वजह से दूषित पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस तरफ नगर परिषद ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें कि इससे पहले बलटाना के एकता विहार में भी दूषित पेयजल के चलते डायरिया फैल था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी, इसके बाद भी जीरकपुर नगर परिषद सबक नहीं ले पाया।
आप को बता दें कि बीते कुछ दिन पहले जब बलटाना क्षेत्र में डायरिया फैला था, तो डीसी मोहाली ने आदेश दिए गए थे कि शहर के सभी इलाकों में पानी की जांच की जाए और पीने वाले पानी में क्लोरीन मिलाई जाए, लेकिन डीसी मोहाली के आदेशों के मुताबिक ना ही जांच की गई और न ही पानी में क्लोरीन मिलाई जा रही है।
डॉ. पॉमी चतरथ, एसएमओ, हेल्थ कम्युनिटी सेंटर ने मीडिया को बताया कि दो-तीन दिन से लोगों के बीमार होने की सूचना मिल रही है। लोगों को उल्टी और दस्त की समस्या आ रही है। इसके लिए अस्पताल द्वारा उस क्षेत्र का सर्वे करवाया गया है। वहां 36 लोग बीमार मिले हैं। अस्पताल की तरफ से दवाई दी जा रही है। इसके इलावा 26 लोग पंचकूला अस्पताल में दाखिल हुए हैं। हमने प्रशासन को भी इस समस्या से अवगत करा दिया है।
कुलवंत सिंह, जेई नगर परिषद जीरकपुर ने दूषित पेयजल के संबंध में हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। यदि शिकायत आती तो उसे साथ ही ठीक करा दिया जाता है। हमें शिकायत मिलेगी तो निवारण करेंगे।