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तीन दिन तक रह सकती है बिजली गुल

  • बिजली कर्मचारियों की हड़ताल शुरू

चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार रात 12 बजे से शुरू होने जा रही है।  इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य प्रशाशन द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध प्रस्तुत करना है । फिलहाल कर्मचारी 72 घंटो की हड़ताल पर जाएंगे । इस क्राइसिस से निपटने के लिए बिजली डिपार्टमेंट में इलेक्ट्रिकल विंग के एक्सईनएन एसडीओ और जेई की तैनाती होगी,  जो बिजली डिपार्टमेंट के एसडीओ को सपोर्ट करेंगे। लेकिन बिजली का टेक्निकल स्टाफ हड़ताल पर रहेगा।  ऐसे में बिजली की शिकायत है तो सुनी जाएंगी लेकिन अटेंड होना मुश्किल है।  ऐसे में शहर के जिस इलाके में बिजली गुल हो गई वहां चालू होने की उम्मीद कम ही रहेगी।  3 दिनों की इस हड़ताल के दौरान शहर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।  इस क्राइसिस से बचाव के लिए लोगों को अपने पास पॉवर  बैकअप का इंतजाम रखना चाहिए।

अन्य विभाग भी कर रहें है हड़ताल का समर्थन

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स ने भी समर्थन का ऐलान किया है।  इसका फैसला रविवार को वर्चुअल मीटिंग में लिया गया। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता के अनुसार बिजली डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के निजीकरण के विरोध में हड़ताल के समर्थन में सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अपने राज्य की राजधानी में प्रदर्शन करेंगे ।

हड़ताल पर जाने वालो पर “नो वर्क नो पे” का फार्मूला लागु

प्रशासन के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा का कहना है कि सोमवार को पावर में यूनियन के साथ मीटिंग होगी। इसमें हड़ताल वापस भी हो सकती है अगर वापस नहीं हुई तो आउट सोर्स के 400 कर्मचारी काम पर रहेंगे। शहर की बिजली की शिकायत वही अटेंड करेंगे। अगर आउटसोर्स के 400 कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। पिछली बार 1 दिन की हड़ताल पर आउटसोर्स भी चले गए थे तब उन्हें वार्निंग देकर छोड़ दिया गया था । इसके अलावा सोमवार को पंजाब और हरियाणा से बिजली के ट्रेड कर्मचारियों को यहां ड्यूटी पर लगाया जाएगा।  इसको लेकर सोमवार को आल्हा ऑफिसर की मीटिंग में फैसला हो सकता है।  हड़ताल पर जाने वालों का नो वर्क नो पे का फार्मूला लागू रहेगा यूपी के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के एक्सईएन एसडीओ और जेई बिजली के एसडीओ और एकसीएन के साथ काम करेंगे।