सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है। याचिका में CBSE, ICSE और NIOS समेत सभी राज्यों के तरफ से आयोजित फिजिकल बोर्ड एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई है। इस मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की अपील मंजूर की थी। इसके बाद जस्टिस ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका की अग्रिम प्रति केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के स्थायी वकील और अन्य प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया था। पीठ ने बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई की और फिजिकल बोर्ड एग्जाम ही कराने में किसी तरह की अड़चन नहीं होने की बात मानी। इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया।
कोरोना केस घटने पर क्यों नहीं लगी ऑफलाइन कक्षाएं ?
याचिकाकर्ता के वकील ने मंगलवार को कोर्ट में कहा कि कोरोना केस घटने के बावजूद ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित नहीं की गई। वहीं, कक्षाएं भी पूरी नहीं हुई हैं तो फिर ऑफलाइन परीक्षाएं कैसे आयोजित की जा सकती हैं? इन्हें रद्द करना चाहिए और वैकल्पिक मूल्यांकन प्रक्रिया तैयार की जानी चाहिए।
इसके बाद जस्टिस ए.एम. खानविलकर की बेंच ने मौखिक रूप से पूछा कि बिना कोर्स पूरा किए परीक्षा कैसे हो सकती है? बता दें कि CBSE ने 10वीं और 12वीं की टर्म-II बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से आयोजित करने का फैसला किया है।