चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को वर्ष 2022-23 की एकसाइएज पालिसी जारी कर दी है । इसके अनुसार, शहर में एक अप्रैल से शराब 15 से 20 फीसदी महंगी हो जाएगी, क्योंकि प्रशासन ने 5.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।इसमें खास बात यह है कि प्रशासन ने अपनी ई-व्हीकल पॉलिसी को आगे बढ़ाने के लिए पैसा जुटाने के लिए शराब की बोतलों पर ई-व्कीहल सेस लगाने का फैसला किया है। जो कि प्रत्येक बोतल पर 2 से 40 रूपये के बीच होगा ।
एक अक्टूबर से कंप्यूटराइज्ड बिल अनिवार्य
आबकारी नीति में फैसला लिया गया है कि 1 अक्तूबर, 2022 से जरूरी कंप्यूटराइज्ड बिलिंग को शुरू किया जाएगा। इसकी उल्लंघना करने पर 5 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान होगा। ऐसे में बिल की रसीद देना ज़रूरी होगा। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोविड रिबेट भी सभी रिटेल वेंड्स, बार, रेस्टोरेंट, होटल तथा क्लब आदि को मिलेगी। अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर 3 और 4 स्टार होटलों में भी 24 घंटे शराब की अनुमति दी गई है।
शहर में बिकेगी इंपोर्टेड रेडी टू ड्रिंक शराब
विदेशी रेडी टू ड्रिंक को चंडीगढ़ में सेल की मंजूरी दी गई है। वहीं ठेकों की अलॉटमेंट की प्रक्रिया ई-टेंडरिंग के जरिए होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके अलावा ऑनलाइन परमिट की सुविधा भी होगी, जिसमें एक्साइज लाइसेंस के लिए कई मंजूरियां प्राप्त करना शामिल होगा। यह एक बड़ा कदम है। वहीं ठेकों की नीलामी के दौरान अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट को घटाया गया है, ताकि ज्यादा लोग टेंडरिंग में भाग ले सकें।
नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए देसी शराब की बोतलों में प्रूफ सील जरूरी कर दी गई है। देशी शराब के मूल कोटे का केवल 50 प्रतिशत बॉटलिंग प्लांटों में समान रूप से वितरित किया जाएगा और मूल कोटे का 50 प्रतिशत खुला रखा जाएगा। साथ ही अतिरिक्त कोटा भी खुला रखा जाएगा। इससे खुदरा विक्रेताओं को अपनी पसंद के बॉटलिंग प्लांट और ब्रांड के अनुसार आपूर्ति प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा। एक्सपायरी शराब को बेचने पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना होगा।
हर वर्ष 2.60 लाख लोग मर जाते हैं
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर वर्ष 2 लाख, 60 हजार लोग अल्कोहल के सेवन से मारे जाते हैं। बिहार, गुजरात, मिजोरम और नागालैंड में शराब की बिक्री व सेवन पर प्रतिबंध है। शराब पीकर सड़क हादसों में भी हर वर्ष कई सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।