आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। हालांकि यह वैध मुद्रा बना रहेगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए थे। उसके बाद से ही बाजार में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन कम हो गयी थी।
RBI ने “द न्यू इंडियन एक्सप्रेस” की ओर से दायर एक RTI के जवाब में बताया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में 2000 रुपये के 354.29 करोड़ नोट छापे गए, जबकि 2017-18 में 11.15 करोड़ नोटों की छपाई हुई। 2018-19 में यह संख्या गिरकर 4.66 करोड़ रह गई। 2019-20 वित्त वर्ष में 1 भी नोट नहीं छापा गया था।
केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके तहत 500 और 1,000 रुपए के नोटों को अवैध घोषित कर चलन से बाहर कर दिया गया था। सरकार ने कुछ दिनों के बाद उनके स्थान पर 500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किए थे।