पंचकूला को अलग जिले का दर्जा मिले 22 साल बीत गए लेकिन यहां आज तक जिला जेल नहीं बनाई गई जबकि राज्य के करीब हर जिले में जिला जेल है। पंचकूला जिले के कैदियों को अंबाला सेंट्रल जेल भेजा जाता है और यह प्रथा उसी समय से जारी है जब पंचकूला अंबाला जिले के अन्तर्गत आता था।
रेज़्ाीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुभाष पपनेजा का कहना है कि पंचकूला में सीबीआई व एनआईए सहित लगभग 15 कोर्ट हैं और प्रतिदिन 100 से अधिक कैदियों अंबाला से लाया व ले जाया जाता है। यह एक खर्चीली व असुरक्षित/ रिस्की व्यवस्था है। हम लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं कि जिला न्यायालय के नजदीक उचित स्थान का चयन कर जेल निर्माण कराया जाए क्योंकि एरिया में तीव्र गति से हो रहे निर्माण के कारण बाद में उचित जगह का भी अभाव हो सकता है। लगभग सभी पूर्व जिला पुलिस प्रमुखों का भी कहना था कि पंचकुला में जेल बनाई जानी चाहिए। यहां यह बताना भी तर्कसंगत है कि 2 सितंबर 2015 को श्याम सिंह राणा, सीपीएस जेल व राजस्व ने पिंजौर में घोषणा की थी कि भूमि अधिग्रहण बिल पास होने के तुरंत बाद प्रदेश की चौथी सेंट्रल जेल का निर्माण पिंजौर के गांव बाड़ गोदाम में किया जाएगा परंतु आज तक न तो सेंट्रल जेल और न ही जिला जेल का निर्माण हुआ है। सुभाष पपनेजा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, चीफ पार्लियामेंट सैक्रेटरी जेल एवं रैवेन्यु हरियाणा, एमएलए पंचकूला, कालका, महानिदेशक जेल, हरियाणा, डिप्टी कमिश्नर पंचकूला को पत्र लिखा है।