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ट्राईसिटी के लॉकडाउन ने जिम, ट्रेनर और कस्टमर सबकी फिटनेस बिगाड़ी

शरीर को फिट रखने में जिम और योगा सेंटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए लॉकडाउन में फिटनेस सेंटर्स भी बंद हैं। आम लोगों से लेकर बॉडी बिल्डर्स भी एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं।

किसी तरह घर में एक्सरसाइज कर बॉडीशेप मैंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं। एक्सरसाइज की मूवमेंट गलत हो गई, तो चोट लगने का डर रहता है। ट्रेनर के साथ ज्यादा इंटरेक्शन भी नहीं कर सकते। मोटिवेशन भी कम रहता है। जब तक सामने से कोई ट्रेनर नहीं सिखाएगा, तब तक बेहतर ढंग से एक्सरसाइज संभव नहीं है।

वहीं जिम और योगा सेंटर बंद होने से हजारों फिटनेस गुरु आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। आप को बता दें कि ट्राईसिटी यानि चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में छोटे बड़े करीब 500 जिम हैं, इन फिटनेस सेंटर व जिम में तकरबीन पांच हजार लोग काम करते हैं।

सभी जिम और फिटनेस सेंटर बंद होने से इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। सेक्टर-17 के जिम आउंनर ने बताया कि पिछले साल जब लॉकडाउन था तो जिम और फिटनेस सेंटर 15 मार्च तक बंद कर दिए थे।

अनलॉक की प्रक्रिया में सरकार ने बाजार तो खोल दिए, लेकिन जिम सबसे अंत में पांच अगस्त को खोले थे। अभी हमारा काम पटरी पर नहीं लौटा था कि 15 अप्रैल को फिर से जिम बंद करवा दिए हैं। हमारा सवाल है कि जब छोटी से छोटी दुकानों को खोलने की परमिशन दी जा रही है तो हमारे दो से चार हजार स्कवॉयर फीट के जिम को क्यों नहीं खोला जा रहा है। हम प्रशासन को पूरे कोरोना प्रोटोकॉल पालन का भरोसा दिलाते हैं।

फिटनेस के लिए जिम जरूरी

वहीं फिटनेस को लेकर जागरूक रहने वाले नरेश बतरा ने बताया कि फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग का ऐसा चस्का होता है कि आप सोते जगाते इसी के बारे में सोचते हैं, मुझे कंपीटिशन के लिए आज ही तैयारी नहीं करनी होती बल्कि सालों से फिटनेस बनाकर रखनी होती है। लेकिन जिम बंद होने की वजह से अभी मेरी तैयारी नहीं हो पाई है,जिस वजह से अभी मेरा किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का कोई मन नहीं हैं। घर अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए योग व एक्सरसाइज करता हूं लेकिन इससे जिम की कमी पूरी नहीं हो पाती है।